अरब देशों की तरफ़ से हिज़्बुल्लाह को आतंकवादी संगठन घोषित करने का विरोध जारी है
बहुत से अरब और इस्लामी गुटों व दलों ने लेबनान के इस्लामी प्रतिरोध आंदोलन हिज़्बुल्लाह को आतंकी संगठन बताने के बारे में फ़ारस की खाड़ी सहयोग परिषद की हालिया कार्यवाही की निंदा की है।
क़ुद्स समाचार एजेन्सी की रिपोर्ट के अनुसार, फ़िलिस्तीन के जेहादे इस्लामी आंदोलन ने शुक्रवार को एक बयान जारी करके हिज़्बुल्लाह को आतंकवादी गुटों की सूची में शामिल करने की निंदा की। उन्होंने इस कार्य को तनाव फैलाने वाली कार्यवाही बताया जो स्थिति को बदतर कर देगी तथा लेबनान व क्षेत्रीय देशों की शांति व सुरक्षा के लिए गंभीर ख़तरा है।
फ़िलिस्तीन की स्वतंत्रता के ख़ल्क़ मोर्चे ने भी इसी प्रकार कहा कि जिसने हिज़्बुल्लाह को आतंकी बताया है वह अरब या मुसलमान नहीं है और वह देश, जो तकफ़ीरी विचारधारा निर्यात कर रहा है और सांठगांठ के लिए माहौल बना रहे हैं, उनका यह अधिकार नहीं है कि हिज़्बुल्लाह के सज्जन संघर्ष कर्ताओं के लिए इस प्रकार के बयान दें।
लेबनान के मुस्लिम धर्मगुरूओं की परिषद ने भी बैरूत सरकार से मांग की है कि वह फ़ारस की खाड़ी सहयोग परिषद के बयान के संबंध में उचित युक्ति अपनाए।
लेबनान के अलउम्मा आंदोलन ने भी हिज़्बुल्लाह के बारे में फ़ारस की खाड़ी के बयान की निंदा करते हुए कहा कि हिज़्बुल्लाह ने अपने प्रतिरोध से इस्राईली दुश्मनों को पराजय का स्वाद चखाया है।
लेबनान की जनता पार्टी ने भी बयान में कहा कि इस फ़ैसले से इस्राईल के अधिग्रहण का मुक़ाबला करने में अरब राष्ट्रों की क्षमताओं और अरबों के विरुद्ध इस शासन की विस्तारवादी योजनाओं से मुक़ाबला में कमज़ोरी होगी।
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