वहाबियत ही सऊदी अरब को बचा सकती है, आले सऊद ने वहाबियत को भारत पहुँचायाः वहाबी मुफ़्ती

सऊदी अरब के एक बड़े मुफ़्ती ने इस देश के लोगों को चेतावनी देते हुए कहा है कि वहाबियत के बिना उनका भी कोई अस्तित्व नहीं रह जाएगा।

टीवी शिया सऊदी साइट अलमुरसिद ने लिखा उलेमा काउंसिल और फ़तवा कमेटी के स्थाई सदस्य “सालेह फ़ौज़ान” ने वहाबी विचारधारा के संस्थापक अब्दुल वह्हाब के विचारों को फैलाने में आले सऊद के बादशाहों प्रशंसा की और कहा कि इन लोगों की कोशिशों का ही नतीजा है कि यह विचारधारा मिस्र से हिन्दुस्तान तक फैल सकी।

अलफ़ौज़ान ने “अलइमाम” युनिवर्सिटी में तबाही फैलाने वाली विचारधाराओं पर जवानों बचाओ शीर्षक से आयोजित कांफ़्रेंस में कहा कि सऊदी अरब के लोगों का अस्तित्व और उनकी इज़्ज़त वहाबियत के समर्थन और सुरक्षा से जुड़ा है।

उन्होंने कहाः अब्दुल वह्हाब से पहले सऊदी अरब मतभेदों और गृहयुद्ध का शिकार था लेकिन उनकी दावत के बाद सारा सऊदी अरब एक हो गया।

उन्होंने यूनिवर्सिटी के छात्रों के वहाबियत को अच्छे से जाने और सीखने का निमंत्रण दिया।

इसी प्रकार चकित करते हुए अपने नए बयान में आतंकवादियों को ख़ारेजी बताया और उनसे मुक़ाबला किए जाने को आवश्यक बताया।

उन्होंने जवानों से कहा कि वह उन चैनलों को न देखें जिन पर दाइश के बारे में प्रचार होता है और उनसे जुड़ने का आह्वान किया जाता है, उन्होंने कहाः यह बुरा और गंदा गुट है।

याद रहे कि इस वहाबी प्रचारक का आतंकवादी संगठन दाइश के बारे में यह बयान उस समय में आया है कि जब इस ग्रुप की विचारधारा वहाबी विचारधारा के समान है। और यह गुट वहाबियत के पद चिन्हों पर चल रहा है।

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