नाइजीरिया में मारे गए शियों का चालीसवां, जन संहार के विरुद्ध व्यापक प्रदर्शन
नाइजीरिया के उत्तरी शहर ज़ारया में इस देश की सेना द्वारा सैकड़ों की संख्या में मारे गए शिया मुसलमानों का चालीसवां मनाने के लिए इस देश के अनेक शहरों में जनता ने रैली निकाली जिसमें ज़ारया में शियों के जन संहार की भर्त्सना की।
शनिवार को उत्तरी शहर कानू में आयोजित रैली में जनता ने इस्लामी आंदोलन के समर्थकों के जन संहार की निंदा की और इस्लामी आंदोलन के नेता शंख इब्राहीम ज़कज़की की तुरंत रिहाई की मांग दोहरायी।
इसी प्रकार ज़ाराया जन संहार की याद में ज़ारया, सोकोटो, मिन्ना और कटसीना शहरों में भी रैली आयोजित हुई।
12 दिसंबर 2015 को नाइजीरियाई सैनिकों ने ज़ारया शहर में यह आरोप लगाकर शियों की धार्मिक सभा पर हमला किया था कि इस सभा में मौजूद लोगों ने कथित रूप से नाइजीरियाई सेना के प्रमुख लेफ़्टिनंट कर्नल तुकुर यूसुफ़ बुरातई का रास्ता बंद करके उन्हें जान से मारने की कोशिश की थी। इस आरोप को शियों ने कड़ाई से ख़ारिज किया था।
इस घटना के अगले दिन नाइजीरियाई सैनिकों ने उस वक़्त सैकड़ों लोगों का जन संहार किया जब ये सैनिक इस्लामी आंदोलन के प्रमुख शेख़ इब्राहीम ज़कज़की को उनके घर से गिरफ़्तार कर रहे थे कि सैकड़ों की संख्या में लोगों ने शंख ज़कज़की को बचाने की कोशिश की। उन्हें बचाने की कोशिश करने वाले सैकड़ों लोगों पर नाइजीरियाई सैनिकों ने अंधाधुंध गोलियों की बौछार कर दी। इस जन संहार में शंख ज़कज़की के 3 बेटे भी शहीद हुए।
16 दिसंबर कत लंदन स्थित मानवाधिकार आयोग ने कहा इस बात के ठोस सुबूत हैं कि घातक हमले के बाद नाइजीरिया में शियों की सामूहिक क़बरे बनायीं गयीं।
नई टिप्पणी जोड़ें