शर्मनाक, सेना ने आम लोगों के जनसंहार को सही ठहराया
नाइजीरिया की सेना ने इस देश के मुसलमानों के जनसंहार को झड़प के सिद्धांत पर अमल करने की संज्ञा दी।
बुधवार को अलयौमुस्साबे वेबसाइट के अनुसार, नाइजीरिया के चीफ़ ऑफ़ स्टाफ़ तुकुर बुरातई ने बड़ी निर्लज्जता से कहा कि ज़ारिया की घटना में सेना ने निर्धारित कर्तव्य के अनुसार व्यवहार किया और झड़प के सिद्धांतों का पालन किया। उन्होंने मंगलवार की रात ज़ारिया त्रासदी की जांच समिति की बैठक में दावा किया कि वे ज़ारिया में झड़प में मौजूद थे, इसलिए वे कह रहे हैं कि सेना ने झड़प के सिद्धांतों का पालन किया।
नाइजीरिया के राष्ट्रीय मानवाधिकार आयोग ने ज़ारिया त्रासदी की जांच के लिए एक समिति गठित की है।
दूसरी ओर नाइजीरिया के मुसलमानों ने, ज़ारिया में सेना द्वारा जान बूझकर मुसलमानों के जनसंहार को साबित करने वाले दस्तावेज़ तय्यार कर लिए हैं जिन्हें वे जांच समिति के हवाले करेंगे।
ज्ञात रहे 12 दिसंबर 2015 में नाइजीरिया की सेना ने उत्तरी शहर ज़ारिया में मुसलमानों पर अंधाधुंध फ़ायरिंग की जिसमें सैकड़ों बेगुनाह मुसलमान मारे गए और इस देश के शिया मुसलमानों के नेता व धर्मगुरु शैख़ इब्राहीम ज़कज़की गंभीर रूप से घायल हो गए।
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