ईरान से हटाई गई सारी पाबंदियां, दुनिया भर से प्रतिक्रियाएं

इस्लामी गणतंत्र ईरान के परमाणु कार्यक्रम के ख़िलाफ़ लगायी गयी पाबंदियां उठा ली गयी हैं।

जेसीपीओए पर ईरान की प्रतिबद्धता की आईएईए द्वारा पुष्टि किए जाने के बाद ईरान के परमाणु कार्यक्रम पर लगायी गयीं पाबंदियां उठा ली गयी हैं।

यूरोपीय संघ की विदेश नीति प्रभारी फ़ेडरिका मोगरिनी ने वियना में शनिवार रात ईरानी विदेश मंत्री जवाद ज़रीफ़ के साथ संयुक्त प्रेस कान्फ़्रेंस में पाबंदियां हटने का एलान किया। इस मौक़े पर वियना में अमरीकी विदेश मंत्री जॉन केरी भी मौजूद थे।

मोगरिनी ने अंग्रेज़ी ज़बान में एक बयान पढ़ा जिसे बाद में फ़ारसी भाषा में ईरानी विदेश मंत्री ने पढ़ा।

इस बयान में आया है, “ जैसा कि ईरान ने अपनी प्रतिबद्धताएं पूरी की हैं, इसके अनुसार, ईरान के परमाणु कार्यक्रम से जुड़ी बहुपक्षीय एवं राष्ट्रीय आर्थिक व वित्तीय पाबंदियां आज से हटायी जा रही हैं। सभी पक्ष इस बात से आश्वास्त हैं कि यह ऐतिहासिक समझौता सही व मज़बूत है और इससे सभी पक्षों की ज़रूरतें पूरी होती हैं।”

इस बयान में आगे आया है, “यह उपलब्धि साफ़ तौर पर यह दर्शाती है कि राजनैतिक इच्छा शक्ति, दृढ़ता और बहुपक्षीय कूटनीति के ज़रिए हम सबसे मुश्किल मुद्दों को हल और ऐसे व्यवहारिक समाधान निकाल सकते हैं जिन्हें प्रभावी रूप से लागू किया जा सकता है।”

इस बयान के अनुसार, ईरान के परमाणु कार्यक्रम के संबंध में संयुक्त राष्ट्र संघ की पाबंदियां उठायी जाती हैं। सुरक्षा परिषद का प्रस्ताव नंबर 2231 कि जिसने जेसीपीओए को अनुमोदित किया है, इसके बाद से आगे के लिए एनपीटी के साथ ईरान की परमाणु गतिविधियों से संबंधित एकमात्र अंतर्राष्ट्रीय क़ानूनी फ़्रेमवर्क होगा। यह प्रस्ताव, प्रस्ताव नंबर 1696 (2006), 1737 (2007), 1747 (2007), 1803 (2008), 1835 (2008), 1929 (2010), और 2224 (2015) के प्रावधानों को निरस्त करता है।

पाबंदियों के हटने के एलान पर, राष्ट्रपति रूहानी ने अपने ट्वीटर अकाउंट के ज़रिए ईरानी राष्ट्र को शानदार सफलता की बधाई दी।

उधर वाइट हाउस ने एलान किया है कि अमरीकी राष्ट्रपति बराक ओबामा ने ईरान के ख़िलाफ़ पाबंदियां हटाने से संबंधित शासकीय आदेश पर दस्तख़त कर दिए हैं।

दुनिया भर से प्रतिक्रियाएं

गुट पांच धन एक के साथ ईरान के ऐतिहासिक परमाणु समझौते के लागू होने पर दुनिया के बड़े राजनेताओं की ओर से प्रतिक्रियाएं सामने आयी हैं।

यह प्रतिक्रियाएं, वियना में अंतर्राष्ट्रीय परमाणु ऊर्जा एजेंसी आईएईए के महानिदेशक यूकिया अमानो द्वारा ईरान और गुट पांच धन एक के बीच परमाणु समझौते जेसीपीओए के प्रति ईरान की प्रतिबद्धताओं के पालन की पुष्टि किए जाने के बाद सामने आयी हैं।
दुनिया के कई बड़े नेताओं ने इसे कूटनीति की ऐतिहासिक सफलता की संज्ञा दी है और कहा है कूटनीति के ज़रिए बड़े बड़े मुद्दों को हल किया जा सकता है।

यूकिया अमानो द्वारा जेसीपीओए के प्रति ईरान की प्रतिबद्धताओं की पुष्टि किए जाने के बाद अमरीकी विदेश मंत्री जॉनकेरी ने वियना में कहा, “आज ईरान के परमाणु समझौते के काग़ज़ पर महत्वकांक्षी वचनों से निकल कर व्यवहारिक चरण में दाख़िल होने के लमहे की पुष्टि का दिन है।”

संयुक्त राष्ट्र महासचिव बान की मून ने भी जेसीपीओए के लागू होने की सराहना की। बान की मून के प्रवक्ता ने बयान में कहा, “यह उपलब्धि दर्शाती है कि बातचीत और धैर्यवान कूटनीति के ज़रिए अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर प्रसार की चिंताओं को दूर किया जा सकता है।”

आईएईए के महानिदेशक यूकिया अमानो ने कहा, “ईरान और आईएईए के बीच संबंध, नए चरण में दाख़िल हो गए हैं। यह अंतर्राष्ट्रीय समुदाय के लिए अहम दिन है। हम उन सभी को बधाई देते हैं जिन्होंने इसे व्यवहारिक बनाने में मदद की।”

ईरान की परमाणु ऊर्जा संस्था के प्रमुख अली अकबर सालेही ने कहा कि ईरान ने ईरानी राष्ट्र और वरिष्ठ नेता आयतुल्लाहिल उज़्मा सय्यद अली ख़ामेनई के समर्थन से अपना अधिकार हासिल किया है।

ब्रितानी विदेश मंत्री फ़िलिप हैमन्ड ने कहा, “वर्षों के धैर्य और निरंतर कूटनीति तथा कठिन तकनीकी काम का नतीजा सामने आया जैसा कि अब हम इस समझौते को लागू कर रहे हैं।”

फ़्रांसीसी विदेश मंत्री लॉरेन फ़ैबियस ने जेसीपीओए के लागू होने का स्वागत करते हुए इसे “शांति और सुरक्षा को लागू करने की दिशा में अहम क़दम” कहा।

जर्मन विदेश मंत्री फ़्रैंक वॉल्टर स्टेनमेयर ने जेसीपीओए के लागू होने के एलान को “कूटनीति की ऐतिहासिक सफलता” कहा।

उधर वाइट हाउस ने एलान किया है कि अमरीकी राष्ट्रपति बराक ओबामा ने ईरान के ख़िलाफ़ पाबंदियां हटाने से संबंधित शासकीय आदेश पर दस्तख़त कर दिए हैं।

 अमरीका में राष्ट्रपति पद के चुनाव की प्रतिपर्धा में आगे चल रहीं डेमोक्रेट प्रत्याशी हिलेरी क्लिंटन ने परमाणु समझौते को लागू करने पर बराक ओबामा की सराहना की किन्तु साथ ही उन्होंने दावा किया कि चिंता अभी भी बाक़ी है।

दूसरी ओर लगभग 200 से ज़्यादा परमाणु वारहेड्स से संपन्न इस्राईल के प्रधान मंत्री बिनयामिन नेतनयाहू ने ईरान के ख़िलाफ़ तेल अबिब के निराधार दावों को दोहराते हुए, “परमाणु समझौते पर दस्तख़त के बाद भी ईरान ने परमाणु हथियार हासिल करने की महत्वकांक्षा नहीं छोड़ी है।”

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