आतंकवादी संगठनों का सऊदी-अमरीकी कनेक्शन
आतंकवादी संगठनों का सऊदी-अमरीकी कनेक्शन
सैय्यद ताजदार हुसैन ज़ैदी
दाइश (ISIS)
संस्थापकः अबू बक्र अलबग़दादी
विचारधाराः वहाबी तकफ़ीरी
इसको 2003 में इराक़ में अमरीकी सेना ने गिरफ़्तार किया फिर रिहा कर दिया गया उसके बाद 2005 में दोबार अमरीकियों ने उसको गिरफ़्तार किया और उसके बारे में पूरी जानकारी रखने के बावजूद अमरीकी आर्मी ने 2009 में उसको दोबारा आज़ाद कर दिया।
इस संगठन को अमरीका, सऊदी अरब क़तर, तुर्की आदि देशों का समर्थन प्राप्त है और अमरीकी विमान जब तब इराक़ में इस संगठन के लिये प्लेन से हथियार और संसाधन गिराते रहते हैं।
सिपाहे सहाबा
संस्थापकः मौलान हक़ नवाज़ झंगवी उसकी मौत के बाद आज़ाम तारिक
विचारधाराः वहाबी तकफ़ीरी
इस गुट को सऊदी अरब और फ़ारस की खाड़ी को दूसरे अरब देशों से पैसा प्राप्त होता है।
अलक़ायदा
संस्थापकः ओसामा बिन लादेन
नागरिकताः सऊदी अरब
वर्तमान लीडरः ऐमन अलज़वाहेरी
विचारधाराः वहाबी तकफ़ीरी
इस संगठन के सऊदी नवाज़ और समर्थित होने को इसी बात से समझा जा सकता है कि पैसे और हथियार से समर्थन करने के साथ साथ सऊदी अरब ने कभी भी इस संगठन को अपने देश में आतंकवादी संगठनों की फेहरिस्त में स्थान नहीं दिया है।
अलशबाब गुट
संस्थापकः अहमद उमर अबू उबैदा
विचारधाराः वहाबी तकफ़ीरी
यह गुट सोमालिया में सक्रिय है और इसने सऊदी अरब और अमरीका द्वारा समर्थित आतंकवादी संगठन दाइश (isis) के हाथों पर बैअत कर ली है।
तालेबान
प्रमुख नेताः मुल्ला उमर
विचारधाराः वहाबी तकफ़री
इस संगठन ने अफ़ग़ानिस्तान में इस्लामी हुकूमत का एलान किया जिसको केवल पाकिस्तान, सऊदी अरब और संयुक्त अरब अमीरात ने ही मान्यता दी है।
तालेबान को सऊदी अरब से धन प्राप्त होता है।
बोको हराम
संस्थापकः मोहम्मद यूसुफ़
विचारधाराः वहाबी तकफ़ीरी
वर्तमान नेताः अबूबक्र शकाऊ
यह संगठन नाइजीरिया में सक्रिय है, इस संगठन ने 2015 में अमरीकी और सऊदी अरब समर्थित आतंकवादी संगठन दाइश की अधीनता स्वीकार कर ली है और अब इन्ही के आदेशों पर अमल कर रहा है।
जैशुल इस्लाम
संस्थापकः ज़हरान अल्लूश
विचारधाराः वहाबी तकफ़ीरी
यह एक ऐसा गुट है जो सऊदी अरब के ख़ुफ़िया विभाग के पूर्व सचिव बंदर बिन सुल्तान द्वारा गठित किया गया और सऊदी अरब की तरफ़ से इनको पैसा और हथियार प्राप्त होते हैं। ज़हरान अल्लूश ने सऊदी अरब की यात्रा की और वहां पर बड़े बड़े वहाबी धर्मगुरूओं से शिक्षा प्राप्त की।
अल नुस्रा फ्रंट
संस्थापकः अबू मोहम्मद अल जौलानी
विचारधाराः वहाबी तकफ़ीरी
इस संगठन में सऊदी अरब, अफ़ग़ानिस्तान, पाकिस्तान, बिर्टेन, फ़्रांस, आस्ट्रेलिया.. आदि के आतंकवादी मौजूद हैं, इस संगठन ने अलक़ायदा की अधीनता स्वीकार की है। इस संगठन ने अलक़ायदा की अधीनता स्वीकार की है और इसको सीरिया में आतंकवादी गतिविधियों के लिये सऊदी अरब, क़तर आदि देशों से पैसा और हथियार प्राप्त होते हैं।
फ़्री सीरियन आर्मी
संस्थापकः रियाज़ अलअसद,
मानसिक्ताः वहाबी तकफ़ीरी
2012 में अरबी और पश्चिमी देशों द्वारा सीरिया सरकार के विरुद्ध संयत गुटों के समर्थन का नारा दे कर एक फ़्री आर्मी की संयुक्त कमान के अंतर्गत इस से जुड़े सारे गुटों को इसमें जोड़ा गया।
बाद में इसका गुट का कमांडर अब्दुल अललाला अलबशीर को बनाया गया, जो ट्रेनिंग के लिये इस्राईल के हैफ़ा शहर गया।
अलफ़ारूक़ ब्रिगेड्स
संस्थापकः ओसामा अलजुनैदी
मानसिक्ताः वहाबी तकफ़ीरी
इस संगठन को सऊदी अरब क़तर और कुवैत की तरफ़ से आर्थिक समर्थन प्राप्त है।
वहाबी संगठनों की कॉमन सोंच
1. इस्लाम के नाम पर आतंकवाद का प्रसार।
2. अपने अतिरिक्त सभी को काफ़िर बताना।
3. यह सारे आतंकवादी संगठन या तो इस्लामी देशों में सक्रिय हैं या फिर मुसलमानों की हत्या कर रहे हैं।
4. इन संगठनों ने मुसलमानों के अतिरिक्त कभी भी इस्राईल या फिर मुसलमानों पर हमला करने वाले देश पर हमला नहीं किया है।
हमने आपके सामने कुछ ही संगठनों के बारे में लिखा है लेकिन इस संक्षिप्त से लेख से ही इन संगठनों और अमरीकी- सऊदी चाल का खेल समझ में आ जाता है कि जहां यह एक तरफ़ मुसलमानों को आतंकवादी घोषित करने पर तुले हुए हैं वहीं यह खुद ही आतंकवाद को अस्तित्व दे रहे हैं और उनका समर्थन कर रहे हैं और इस प्रकार सारी दुनिया में इस्लाम के चेहरे को कुरूप और इस्लामोफोबिया को बढ़ावा दे रहे हैं।
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