हवा में उड़ते यात्री विमान दाइश का नया निशाना, बनाया पूरा प्रोग्राम
खून-खराबे और आतंक का दूसरा नाम बन चुके आईएस संगठन प्रयोगशाला में मौत का नया साजो-सामान तैयार कर रहा है।
टीवी शिया आतंकवादी संगठन आईएसआईएस ने इस बार यात्री विमानों को निशाना बनाने के लिये नया हथियार बनाया है।
इस संगठन की तरफ़ से जारी वीडियों बताती है कि उन्होंने एक प्रकार की बैटरी तैयार की है जिससे माज़ाइलों को ज़मीन से हवा में मार करें।
विश्लेषकों का कहना है कि इस प्रकार का हथिया बहुत सालों से आतंकवादियों के हाथों में रहा है लेकिन इस प्रकार की मीज़ाइलों को चलाने के लिये जिस बैटरी की आवश्यकता होती है उसको चार्ज करना या फिर दोबारा बनाना बहुत ही कठिन कार्य है, इस वीडियों में दिखाया गया है कि वह इंसानी शक्ल वाले पुतलों में ऐसे उपकरण लगाते हैं जिससे उसका तापमान इंसानी शरीर के तापमान के बराबर दिखाई दे और राडार को धोखा दिया जा सके।
रक्षा विशेषज्ञ किम सेन गुप्ता का कहना है कि 2001 में अफ़ग़ानिस्तान में अमरीका और ब्रिटेन के पहुँचने के बाद से ही यह ख़तरा पैदा हो रहा था कि कहीं ऐसा न हो कि अमरीका ने जो मीज़ाइल आतंकवादियों को रूसी विमानों को निशाना बनाने के लिये दिये हैं उनसे पश्चिमी बलों को निशाना बनाया जाए, लेकिन तालेबना इन मीज़ाइलों में प्रयोग की जाने वाली बैटरी को दोबारा चार्ज करने में कामियाब न हो सका, क्योंकि यह बैट्रियां एक विशेष समय तक की कार्य करती हैं उसके बाद उसको चार्ज करने या फिर बदलने की आवश्यकता होती है और जब तक यह बैट्री न हों मीज़ाइल को नहीं चलाया जा सकता है।
उन्होंने संदेह प्रकट किया है कि कही ऐसा न हो कि आईएसआईएस के आतंकवादी इन मीज़ाइलों की बैट्री बदलने में सफ़ल हो जाए और इस प्रकार हज़ारों बेकार पड़े मीज़ाइलों को दोबारा जीवित कर दें और यह ख़तरा उस समय और भी बढ़ जाता है कि जो मीज़ाइल वीडियों में दिखाए गए हैं वह अपने लक्ष्य को 99 प्रतिशत की सटीकता के साथ भेदते हैं।
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