अगर मैं सऊदी अरब में होता तो मुझे भी शेख़ निम्र की तरह मौत की सज़ा दी जाती

सऊदी अरब ने शनिवार को शिया धर्मगुरु शेख निम्र अल-निम्र समेत 47 लोगों को शनिवार को फांसी दे दी। उन्हें आतंकवाद के मामले में दोषी ठहराया गया था। हालांकि निम्र की मौत के बाद से ही खाड़ी मुल्कों में उबाल आ गया है। शेख अल निम्र में आखिर ऐसा क्या था, सऊदी अरब ने क्यों दी उन्हें फांसी?

बेबाक बयानों के लिए मशहूर जस्टिस मारकंडेय काटजू ने मंगलवार को अपने फेसबुक पेज पर लिखा, ''अगर मैं सऊदी अरब में होता तो मुझे भी 56 वर्षीय शिया धर्मगुरू शेख निम्र अल निम्र की तरह मौत की सजा दे दी जाती।.....उनका गुनाह क्या था? शियाओं, जो कि सऊदी अरब में अल्पसंख्यक हैं, पर हो रहे जुल्मों के खिलाफ के उन्होंने आवाज उठाई, वह भी अहिंसक तरीके से।"

निम्र बाकिर अल‌‌ निम्र या शेख निम्र अल निम्र अरब के उसी 'बसंती झोंके' की देन ‌थे, जिसे दुनिया भर में 'अरब स्प्रिंग' के नाम से जाना जाता है। 2010 की सर्दियों में अरब लीग और उत्तरी अफ्रीका के देशों में चली जनप्रदर्शनों की लहर ने मिस्‍त्र, लिबिया, यमन और ट्यूनिशिया में तख्तापलट कर दिया।

शेख अल निम्र युवाओं में लोकप्रिय ‌थे, जबकि सऊदी अरब के शासकों के कड़े आलोचक ‌‌थे। उन्होंने सऊदी अरब में स्वतंत्र चुनाव की वकालत ‌की। सऊदी सरकार ने उन्हें 2006 में गिरफ्तार कर लिया। निम्र ने उस समय कहा था कि सऊदी अरब की गुप्त पुलिस 'मबाहिथ' ने उनकी पिटाई भी की थी।

2009 में सऊदी सरकार की आलोचना करते हुए उन्होंने कहा था‌ कि अगर ‌शियाओं के अधिकारों का सम्मान नहीं किया जाता, तो पूर्वी प्रांत का सऊदी अरब से अलग हो जाना चाहिए। जिसके बाद उन्हें और उनके 35 सहयोगियों को गिरफ्तार कर लिया गया।

2011-12 में 'अरब स्प्रिंग' के दरम्यान सऊदी शासकों के खिलाफ उन्होंने विरोध प्रदर्शनों का नेतृत्व किया। वे अहिंसक आंदोलन के समर्थक ‌थे। उस समय उन्होंने कहा था कि सऊदी पुलिस की गोलियां के शोर का जवाब 'नारों की गूंज' से दो। उन्होंने घोषणा की थी कि अगर विरोध प्रदर्शन जारी रहे तो सऊदी सरकार धराशायी हो जाएगी। हालांकि 8 जुलाई, 2012 को पु‌लिस ने शेख अल निम्र के पैर में गोली मारकर उन्हें गिरफ्तार कर लिया।

अल निम्र की गिरफ्तारी के विरोध में हुए प्रदर्शन पर पुलिस ने गोलीबारी की थी, जिसमें दो लोगों की मौत हो गई‌ थी।

15 अक्‍टूबर, 2014 को सऊदी अरब की विशेष आपरा‌धिक अदालत ने अल निम्र को फांसी की सजा सुना दी। उन पर आरोप लगा था कि उन्होंने सऊदी अरब में विदेश हस्तक्षेप का प्रयास किया, शासकों की अवज्ञा की और सुरक्षा बलों के खिलाफ हथियार उठाया।

शेख निम्र अल निम्र के भाई मोहम्मद अल निम्र ने ट्वीट कर सजा की जानकारी दी थी, जिसके बाद उन्हें भी गिरफ्तार कर लिया गया। शेख अल निम्र को 2 जनवरी 2016 को फांसी दी गई। शेख अल निम्र की सजा का विरोध ईरान, दुनिया भर में फैले शिया समुदाय, सांप्रदा‌यिकता विरोधी सुन्नी मुसलमानों और तमाम बुद्घिजीवियों ने की। सऊदी अरब ने अल निम्र का शव भी परिजनों को सौंपने से इनकार कर दिया।

शेख निम्र अल-निम्र को फांसी दिए जाने के बाद सऊदी अरब के खिलाफ शिया समुदाय का गुस्सा भड़क उठा

निम्र अल निम्र को फांसी दिए जाने पर संयुक्त राष्ट्र संघ, यूरोपीय यूनियन, कनाडा, फ्रांस और जर्मनी ने भी रोष प्रकट किया। जर्मनी ने कहा कि निम्र समेत 47 लोगों को फांसी दिए जाने को ध्यान में रखकर जर्मनी अब सऊदी अरब को हथियार और सैन्य उपकरण देने की समीक्षा करेगा।

नई टिप्पणी जोड़ें