जाने कौन थे शहीद शेख़ निम्र / शहादत की पहली बरसी पर विशेष

निम्र बाक़िर अलनिम्र 1959 ईसवी में सऊदी अरब के अलअवामिया में एक धार्मिक घराने में पैदा हुए (1) आप एक शिया मुज्तहिद (2) और सऊदी अरब के सक्रिय मानवाधिकार कार्यकर्ता थे (3) आपने अपनी आरम्भिक शिक्षा अलअवामिया में ही ग्रहण की उसके बाद 1989 में धार्मिक शिक्षा..

निम्र बाक़िर अलनिम्र 1959 ईसवी में सऊदी अरब के अलअवामिया में एक धार्मिक घराने में पैदा हुए (1) आप एक शिया मुज्तहिद (2) और सऊदी अरब के सक्रिय मानवाधिकार कार्यकर्ता थे (3) आपने अपनी आरम्भिक शिक्षा अलअवामिया में ही ग्रहण की उसके बाद 1989 में धार्मिक शिक्षा के लिये तेहरान पहुँचे और वहां आपने दस साल तक हौज़ए इल्मिया हज़रत क़ाएम (अ) में शिक्षा प्राप्त की और उसके बाद आप सीरिया के हौज़ए इल्मिया हज़रत ज़ैनब चले गए।

उन्होने अपने देश वापस आने के बाद 2011 में अलअवामिया में एक धार्मिक केन्द्र स्थापित किया जिसका नाम अलइमामुल क़ाएम है। (4)

शेख़ निम्र हौज़ए इल्मिया के बहुत प्रसिद्ध अध्यापकों और धर्मगुरुओं में से हैं जिन्होंने ईरान और सीरिया में बहुत सी किताबों जैसे लोमअतुद दमिश्क़ीया, जामेउल मदारिक और शहीद मोहम्मद बाक़िर अलसद्र के हलक़ात को पढ़ाया है।

आपके उस्दात

सैय्यद मोहम्द तक़ी मुदर्रेसी। (तेहरान में)

सैय्यद अब्बास मुदर्रेसी (सीरिया में)

ख़ाक़ानी (सीरिया)

शेख़ साहेब अलसादिक़ (तेहरान)

शेख़ वहीद अफ़ग़ानी

 

राजनीतिक सक्रियता, गतिविधियां और गिरफ़्तारी

शेख़ निम्र जो कि सऊदी अरब के पूर्वी राज्य में रहते थे ने 2009 में सऊदी अधिकारियों को चेतावनी दी कि अगर हमारे सम्मान और हैसियत को हमें वापस नहीं लौटाया गया तो मैं शियों से सऊदी अरब से अलग हो जाने आह्वाहन करूँगा, हमारा सम्मान देश की अघंडता से महत्वपूर्ण है। (5)

उन्होंने सऊदी अरब की सरकार की निंदा करते हुए कहाः अगर एक दूसरा देश शियों के विरोध का उत्तरदायी है तो उसपर आक्रमण क्यों नहीं करते हो? क्यों हम पर हमला करते हो? अगर इन सब चीज़ों का तुम्हारी नज़र में ज़िम्मेदार ईरान है, तो ईरान पर आक्रमण करों और देखों कि तुम में कितनी शक्ति है? (6)

सक्रिय मानवाधिकार कार्यकर्ता शेख़ निम्र को  शियों द्वारा सऊदी सरकार के विरोध के बाद गिरफ्तार किया गया और अदालत से आपको राष्ट्रीय सुरक्षा और युद्ध पर उकसाने के कारण तलवार से क़त्ल किये जाने और लोगों के सामने सलीब पर लटकाए जाने की सज़ा सुनाई गई।

11 जूलाई 2013 को सऊदी पुलिस द्वारा आप पर हथियारों के साथ हमला किया गया और आपको घायल अवस्था में नामालूम स्थान पर ले जाया गया। (7) इस हमले में आप बुरी तरह घायल हुए और आपको चार गोलिया लगीं जिनको निकालने के लिये आप के कई आप्रेशन किये गए। और ठाई साल तक विभिन्न चरणों में चलने वाले आप्रेशन के बाद आपकी पैर से चौथी गोली निकाली गई। (8)

सऊदी अरब के सर्वोच्च न्यायालय और वलीअह्द मोहम्मद बिन नाएफ़ की तरफ़ से रविवार 27 अक्टूबर 2015 को बिना किसी पूर्व जानकारी के आपकी मौत की सज़ा का आदेश दिया गया। (9)

जिस समय शेख़ निम्र को अंतिम बार गिरफ़्तार किया गया और उनको मौत की सज़ा सुनाई गई उससे पहले भी सऊदी सरकार ने इस शिया आलिम को दो बार गिरफ़्तार किया था एक बार 2006 में जब वह बैहरैन से एक क़ुरआन के सम्मेलन से वापस आ रहे थे, उस समय सऊदी अधिकारियों का आरोप यह था कि “उन्होंने बक़ी क़ब्रिस्तान की देखभाल की सऊदी अधिकारियों से मांग की है और शिया सम्प्रदाय को आधिकारिक बताया है और मांग की है कि सऊदी अरब की वर्तमान शिक्षा व्यवस्था को या तो बदला जाए या समाप्त किया जाए”

दूसरी बार आपको 22 अगस्त 2008 में गिरफ़्तार किया गया।

सऊदी अरब के लोगों ने क़तीफ़ शहर में यौमुन्निम्र के नाम से निम्र डे मनाया और हज़ारों की संख्या में समिलित होकर प्रशासन से उनकी आज़ादी की मांगी की। (10)

पूर्व सऊदी बादशाह अब्दुल्लाह बिन अब्दुल अज़ीज़ ने आपकी फ़ांसी की सज़ा पर अनिश्चित कालीन रोक लगा दी थी। (11)

संशोधन कोर्ट

4 मार्च 2015, को संशोधन कोर्ट ने उनको “हथियार रखने, साम्प्रदायिक भेदभावों को हवा देने, और बादशाह की अवमानना” के जुर्म में मौत की सज़ा सुनाई, आश्चर्य की बात यह है कि संशोधन कोर्ट की तरफ़ से शेख़ निम्र पर जो आरोप लगाए गये थे वह वहले वाली अदालत की तरफ़ से लगाए गए आरोफ़ “राष्ट्रद्रोह” से मेल नहीं खाते थे। (12)

सज़ा की पुष्टि

शेख़ निम्र को फांसी की सज़ा दिये जाने की पूर्व में भी ख़बरें कई बार समाचार पत्रों में आई हैं लेकिन शेख़ निम्र के भाई ने सऊदी अरब की संशोधन कोर्ट की तरफ़ से उनकी फांसी की पुष्टी किये जाने की ख़बरों का खंडन किया है।

लेकिन इस बार स्वंय उनके वकील और उनके भाई की तरफ़ से भी यह स्पष्ट कहा गया है कि सऊदी कोर्ट ने उनकी फांसी की सज़ा की पुष्टि कर दी है।

“शेख निम्र बाक़िर अन्निम्र  के भाई मोहम्मद निम्र ने 25/10/2015 रविवार को कहा कि सऊदी अरब की सर्वोच्च अदालत ने शेख निम्र बाक़िर अन्निम्र की फांसी के फैसले की पुष्टि कर दी है और इस फैसले को व्यवहारिक बनाने के लिए सऊदी नरेश के कार्यालय को भेज दिया गया है।”

सऊदी अरब की आले सऊद सरकार की सदैव से यह रीत रही है कि वह हर विद्रोह या फिर सुधार की मांग का बहुत ही कट्टरता से दमन करती चली आ रही है और शेख़ निम्र को फांसी की सज़ा का सुनाया जाना भी इस दमन की एक कड़ी है लेकिन हर पापी को यह याद रखना चाहिय कि पाप का घड़ा कभी न कभी तो भरता ही है।

फ़ांसी (शहादत)

सऊदी अरब के गृहमंत्रालय ने शनिवार को एक बयान जारी करके शीया मुसलमानों के वरिष्ठ धर्मगुरु और 46 लोगों को फ़ांसी की सज़ा दिए जाने की सूचना दी है।

सैय्यद ताजदार हुसैन ज़ैदी

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(1)    “शेख़ बाक़िर अलिनम्र कौन हैं” अहलेबैत न्यूज़ एजेंसी 19/11/2013

(2)    “मानवाधिकार का दावा करने वाले देशों की शेख़ निम्र के बारे में ख़ामोशी” तसनीम न्यूज़ एजेंसी 19/11/2013

(3)    फ़ारस न्यूज़ एजेंसी 19/11/2013

(4)    अहलेबैत न्यूज़ एजेंसी 19/11/2013

(5)    इन्तेख़ाब न्यूज़ एजेंसी

(6)   http://persian.euronews.com/2012/07/11/arrest-of-shi-ite-cleric-causes-sectarian-tension-in-saudi-arabia/

(7)    अहलेबैत न्यूज़ एजेंसी 19/11/2013

(8)    http://www.yjc.ir/fa/news/5138842

(9)   Saudi Shia cleric Nimr al-Nimr 'sentenced to death'". BBC News. 2014-10-15. Archived from the original on 2014-10-15. Retrieved 2014-10-15

(10)    http://fa.alalam.ir/news/1494381

(11)    “सऊदी अरब के विरोधी शिया लीडर को गला काटे जाने की सज़ा” दोवीचे विले फ़ारसी

(12)    इन्तेख़ाब न्यूज़ एजेंसी

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