शेख़ ज़कज़की कौन हैं?

शेख़ ज़कज़की कौन हैं?

सैय्यद ताजदार हुसैन ज़ैदी

 

शेख़ इब्राहीम याक़ूब ज़कज़की नाइजीरिया के एक शिया विद्वान हैं आपका जन्म 1953 में हुआ और आप नाइजीरिया के इस्लामी आन्दोलन के प्रमुख हैं। (http://www.farsnews.com/13940922001182) आप ने नाईजीरिया में अब तक एक लाख बीस हज़ार से डेढ़ लाख के बीच लोगों को शिया किया है।

ज़कज़की मालेकी संप्रदाय से सम्बंध रखते थे और आपने ईरान की इस्लामी क्रांति के लीडर आयतुल्लाह ख़ुमैनी से पैरिस में भेंट की और 1980 में ईरानी क्रांति की सफ़लता के एक साल बाद अफ़्रीका के मुस्लिम छात्रों के उप सचिव के तौर पर ईरान की यात्रा की उस समय आप ज़ारिया यूनिवर्सिटि में अर्थशास्त्र के छात्र थे, आपने अपनी इस यात्रा में ईरान के लीडर से मुलाक़ात की और इस मुलाक़ात के बाद आप शिया हो गए। (https://meta.wikimedia.org/wiki/Special:MyLanguage/Wikipedia_15)

ज़कज़की के नेतृत्व में नाइजीरिया विश्व के उन देशों में से हो गया जहां शिया संप्रदाय के अनुयायियों की संख्या बहुत अधिक थी, आपने अपने जीवन काल में जहां बहुत से लोगों का मार्गदर्शन किया और उनको इस्लाम का रास्ता दिखाया वहीं आपको इस कार्य के लिये अब तक 9 बार जेल की हवा खानी पड़ी है (http://www.farsnews.com/newstext.php?nn=13940924000438)

तीन बेटों की शहादत

आपने अपने जीवन काल में इस्लाम की प्रगति के लिये बहुत से दुख देखें हैं एक तरफ़ आप जहां इन्सानिय को सही रास्ता दिखा रहे थे और जीवन का मूल्य और महत्व बता रहे थे, लोगों के सामने वास्तविक इस्लाम का चेहरा रख रहे थे वहीं दूसरी तरफ़ साम्राजी शक्तियां विशेषकर ज़ायोनी शासन इस्राईल और आले सऊद के भ्रष्ट सरकार सऊदी अरब के यह मंज़ूर नहीं था इसलिये आप को रोकने के लिये हर प्रकार की साज़िशे रची जाती रहीं इन्ही में से एक 2014 में विश्व क़ुद्स दिवस भी है कि जब आप के नेतृत्व में स्वतंत्र आत्मा रखने वाले मुसलमान इस्राईल के अपराधों, अत्याचारों का विरोध करते हुए फ़िलिस्तीन के समर्थन में नाइजीरिया के सड़कों पर शांतिपूर्ण प्रदर्शन कर रहे थे तभी सेना ने उन पर आक्रमण किया और बहुत से प्रदर्शनकारियों के साथ साथ आपके तीन बेटे भी उसमें शहीद हो गए।

इमामबाड़े पर हमला

इस्राईल और सऊदी अरब के इशारे पर सेना द्वारा नाइजीरिया के शियों विशेषकर शेख़ ज़कज़की पर अत्याचारों का सिलसिला यहीं पर समाप्त नहीं होता है बल्कि 13 सितम्बर 2015 को एक बार फिर यह सेना बक़ीयतुल्लाह इमामबाड़े पर हमला करती है जिसमें जहां शेख़ ज़कज़की गंभीर रूप से घायल होते हैं वहीं उनके चौथे बेटे और पत्नी की शहादत होती है, सेना के इस हमले की भीवत्सता का अंदाज़ा इसी से लगाया जा सकता है कि इस हमले में एक हज़ार से अधिक लोगों की मौत होती हैं, और इमामबाड़े को पूर्णता ध्वस्त कर दिया जाता है, इस हमले में नाइजीरिया इस्लामी आन्दोंलन के कई सदस्य जैसे शेख़ मोहम्मद नूरी, डॉक्टर मुस्तफ़ा सऊद, इब्राहीम उस्मान और जमी गलीमा भी शहीद हो जाते हैं। स्वंय शेख़ ज़कज़की की स्थिति अभी गंभीर बनी हुई है। (Nigeria's firebrand Muslim leaders BBC News, 1 October 2001.)

प्रदर्शन

नाइजीरिया के इस शिया विद्वान के इमामबाड़े बक़ीयतुल्लाह पर सेना के आक्रमण जिसमें स्वंय शेख़ ज़कज़की गंभीर रूप से घायल हुए हैं और जिस पर अंतर्राष्ट्रीय मीडिया ने चुप्पी साथ रखी है के विरुद्ध भारत, पाकिस्तान, ईरान, इराक़, नाइजीरिया जैसे देशों के साथ साथ सोशल मीडिया पर उनके परिवार के साथ संवेदना के साथ साथ इस अपराध पर विरोध प्रकट किया जा रहा है।

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