नाइजीरिया में शिया आलिम पर हमले की चौतरफ़ा निंदा

नाइजीरिया में शिया मुसलमानों पर सेना के पाश्विक हमलों की चौतरफ़ा निंदा का क्रम जारी है।

ईरान के एक वरिष्ठ धर्मगुरू आयतुल्लाह हुसैन नूरी हमदानी ने एक बयान जारी करके नाइजीरिया में शिया मुसलमानों और इस देश के प्रमुख शिया धर्म गुरू व इस्लामी आंदोलन के महासचिव शेख़ इब्राहीम ज़कज़ाकी पर सेना के हमलों की कड़ी निंदा की है। उन्होंने अपने बयान में नाइजीरिया में मुसलमानों की एकता की रक्षा पर बल देते हुए शेख़ ज़कज़ाकी व शियों पर हमला करने वाले सैनिकों को दंडित किए जाने की मांग की है। उन्होंने कहा है कि वर्तमान समय में बोकोहराम सहित तकफ़ीरी आतंकवादी गुटों से मुक़ाबले के लिए मुसलमानों की एकता की रक्षा बहुत ज़रूरी है।

एक अन्य वरिष्ठ धर्मगुरू आयतुल्लाह साफ़ी गुलपायगानी ने भी नाइजीरिया में शिया मुसलमानों के जनसंहार पर इस्लामी व अंतर्राष्ट्रीय संगठनों के मौन की आलोचना करते हुए कहा है कि इस्लामी देशों को इस प्रकार की घटनाओं की रोकथाम के लिए उचित व आवश्यक कार्यवाही करनी चाहिए।

नाइजीरिया में शियों के जनसंहार और आयतुल्लाह शेख़ इब्राहीम ज़कज़ाकी पर हमले व उनकी गिरफ्तारी के विरुद्ध भारत में मजलिसे उलमाये हिन्द के महासचिव और लखनऊ के इमामे जुमा मौलाना सैयद कल्बे जवाद ने नाइजीरिया के दूतावास को एक पत्र लिख कर कहा है शियों पर नाइजीरियाई सेना के हमले निंदनीय हैं। उन्होंने कहा कि जिस तरह नाइजीरिया की सेना ने एक निराधार आरोप के अंतर्गत रात के अंधेरे में शियों पर अंधाधुंध गोलियां बरसाईं, इमामबाड़े पर हमला किया और निर्दोष इंसानों की निर्दयता से हत्या की उससे पता चलता है कि नाइजीरिया की सरकार शेख़ ज़कज़ाकी के आंदोलन और उनके समर्थकों को कुचलने पर तुली हुई है और यह मानवता की हत्या के बराबर है।

शियों के विरुद्ध हिंसा, उनके जनसंहार और शेख़ इब्राहिम ज़कज़ाकी की गिरफ्तारी के ख़िलाफ़ बुधवार 16 दिसम्बर को मजलिसे उलमाये हिन्द की तरफ से दिल्ली में नाइजीरिया के दूतावास पर विरोध प्रदर्शन भी होगा।

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