भारत में IS के विरुद्ध 600 मस्जिदों में शुरु हुआ अभियान

भारत कर्नाटक में युवाओं को इस्लामिक स्टेट से दूर रखने के लिए मौलवियों ने एक मुहिम शुरू की है। इसके तहत जुमे की नमाज के दौरान दिए जाने वाले खुतबे या ईमाम के सार्वजनिक संबोधन में इस्लामिक स्टेट की आलोचना की जा रही है। साथ ही युवाओं को बताया जा रहा है कि इस्लाम शांति का मजहब है।

इस्लामिक स्टेट कट्टरपंथी इस्लामी संगठन है जिसने इराक और सीरिया के खासे इलाकों पर कब्जा कर लिया है और उसने हाल में पेरिस हमलों की ज‌िम्मेदारी भी ली है। इन हमलों में 130 लोग मारे गए थे।

बेंगलुरु की जामिया मस्जिद उम्मु्स्लिम ट्रस्ट की ओर से जारी एक सर्कुलर में कर्नाटक की सभी 6000 मस्जिदों के काज‌ियों से कहा गया है कि वे जुमे की नमाज के दौरान इस्लामिक स्टेट की आलोचना करें।

सर्कुलर में कहा गया है कि काजी यह बताएं कि इस्लाम विरोधी ताकतें तथाकथित इस्लामिक स्टेट का इस्तेमाल इस्लाम को बदनाम करने और अपनी विचारधाराओं को फैलाने के लिए कर रहे हैं। जामिया मस्जिद ट्रस्ट के मौलाना मोहम्मद मकसूद इमरान रशादी ने कहा, "इन विचारधाराओं का इस्लाम से कोई लेना-देना नहीं है।

इस्लामिक स्टेट जैसे संगठन युवा, मासूम और पढ़े लिखे मुसलमानों को गलत रास्ते पर चलने के लिए बरगलाने के लिए हर ताकत का इस्तेमाल कर रहे हैं।"

इस्लामिक स्टेट ने दुनियाभर से युवाओं को आकर्षित किया है। सर्कुलर में कहा गया, "समाज का हिस्सा होते हुए आज ये बहुत जरूरी हो गया है कि युवाओं की गतिविधियों और संगत पर नजर रखी जाए।

ये वक्त की जरूरत है। यदि अभी ये नहीं किया गया तो कहीं खून के आंसू ना रोना पड़ें।" मौलाना कहते हैं, "अल्लाह की मेहरबानी से हमारे सर्कुलर को समूचे राज्य में बहुत अच्छी तरह से लिया जा रहा है। ये हमारे देश को बचाने का सवाल भी है।"

जाकिर हुसैन इंस्टीट्यूट ऑफ इस्लामिक स्टडीज के पूर्व निदेशक प्रोफेसर अख्तरुल वासे कहते हैं, "मैं कर्नाटक के मौलवियों के इस प्रयास के लिए बधाई देता हूं। उन्होंने बहुत सही वक्त पर ये मुद्दा उठाया है। जो लोग चरमपंथ या हिंसा में शामिल हैं उनका इस्लाम से कोई लेना देना नहीं है।"

लेकिन मूल सवाल ये है कि क्या हिंसक या कट्टरपंथी संगठनों की ओर आकर्षित होने वाले युवक मौलवियों की सुनेंगे? उन्होंने कहा, "मुस्लिम समाज में आज भी उलेमाओं की बातें बहुत गंभीरता से ली जाती हैं।

मुसलमानों की जरूरत है कि वो इस्लाम को बदनाम करने वाली इस्लामिक स्टेट और अन्य चरमपंथी संगठनों की विचारधारा को नकारें।" आंध्र प्रदेश और केरल से आ रही रिपोर्टों के मुताबिक वहां भी मस्जिदों में अभिभावकों से युवा बच्चों पर नजर रखने की अपील की जा रही है ताक‌ि वो इस रास्ते पर ना चले जाएं।

नई टिप्पणी जोड़ें