शेख़ निम्र के मामले में ओआईसी करे हस्तक्षेप
ईरान में मानवाधिकार कार्यकर्ताओं व बुद्धिजीवियों ने वरिष्ठ शिया सऊदी धर्मगुरु शैख़ निम्र को मृत्युदंड के फ़ैसले की निंदा करते हुए इसे बदलने की मांग की है।
इस संदर्भ में मानवाधिकार कार्यकर्ताओं और बुद्धिजीवियों ने इस्लामी सहयोग संगठन ओआईसी से सऊदी शासन पर दबाव डालने की मांग की है ताकि वह इस अन्यायपूर्ण व बर्बरतापूर्ण फ़ैसले को लागू न करे।
ईरानी मानवाधिकार कार्यकर्ताओं ने बुधवार को ओआईसी के महासचिव इयाद अमीन मदनी को ख़त लिख कर शैख़ निम्र की मौत की सज़ा बाक़ी रखने के रियाज़ के फ़ैसले पर खेद जताते हुए इसे बर्बरतापूर्ण व अन्यायपूर्ण कहा है। इस ख़त में आया है कि सिर्फ़ शांतिपूर्ण प्रदर्शन में भाग लेने और अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता के अधिकार को इस्तेमाल करने के कारण मृत्युदंड देना, स्वाभाविक मानवाधिकार एवं इस्लामी शिक्षाओं के ख़िलाफ़ है। यह फ़ैसला अंतर्राष्ट्रीय मानवाधिकार घोषणापत्र और इस्लामी मानवाधिकार से संबंधित क़ाहेरा मानवाधिकार घोषणापत्र के भी ख़िलाफ़ है इसलिए सऊदी अरब सहित ओआईसी के सभी सदस्य देशों को इसका सम्मान करना चाहिए।
ईरानी मानवाधिकार कार्यकर्ताओं ने मुसलमानों की इस संस्था से अपील की है कि वह अपने सदस्य देशों में अल्पसंख्यकों के अधिकारों और मानवाधिकार के मुद्दे पर अपनी ज़िम्मेदारी निभाए। इसी प्रकार उन्होंने ओआईसी से शैख़ निम्र के ख़िलाफ़ मृत्युदंड के फ़ैसले को निरस्त कराने के लिए रियाज़ पर दबाव डालने के लिए हर संभव क़दम उठाने की मांग की और इस संदर्भ में ज़रूरत पड़ने पर अन्य अंतर्राष्ट्रीय मानवाधिकार संस्थाओं से ही मदद लेने का सुझाव दिया है।
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