इमाम मेहदी (अ) के जन्मदिवस पर विशेष
इमाम मेहदी (अ) के जन्मदिवस पर विशेष
255 हिजरी कमरी में भोर के समय इराक के सामर्रा नगर में हज़रत इमाम मेहदी अलैहिस्सलाम का जन्म हुआ। हज़रत इमाम मेहदी अलैहिस्सलाम वही महान ईश्वरीय प्रतिनिधि हैं जो उसके आदेश से लोगों के सामने प्रकट होंगे और समूचे विश्व को न्याय से उस तरह से भर देंगे जिस तरह वह अन्याय से भरा होगा। दूसरे शब्दों में हज़रत इमाम मेहदी अलैहिस्सलाम के पावन हाथों से अन्याय का अंत होगा और पूरी दुनिया न्याय व शांति से भर जायेगी। महामुक्ति दाता हज़रत इमाम मेहदी अलैहिस्सलाम और उनकी प्रतीक्षा करने वालों पर सलाम हो।
प्राचीन समय से इंसान की हार्दिक आकांक्षा एसे विश्व की रही है जो हिंसा व विवाद से खाली हो। इंसान सदैव एसे विश्व की आकांक्षा में रहा है जो शांति, सुरक्षा और न्याय से भरा हो और सब लोग एक दूसरे से घुल- मिलकर रहें। अंतिम ईश्वरीय धर्म के रूप में इस्लाम ने इमाम मेहदी अलैहिस्सलाम की विश्व व्यापी सरकार का स्वरुप पेश किया है। मानव इतिहास में अगर हम थोड़ा विचार करें तो हम समझ जायेंगे कि कुफ़्र, अज्ञानता, अन्याय, असुरक्षा और निर्धता मुख्य रूप से वे चीज़ें रही हैं जिनका सदैव इंसान को सामना रहा है।
हज़रत इमाम मेहदी अलैहिस्सलाम की सरकार का मुख्य उद्देश्य ही इन चीज़ों का अंत है। दूसरे शब्दों में हज़रत इमाम मेहदी अलैहिस्सलाम प्रकट होंगे ताकि एकेश्वरवाद को व्यापक करें, ज्ञान को विस्तृत व सार्वजनिक करें, अन्याय का अंत करें, इंसानों को न्याय और सुरक्षा का मीठा स्वाद चखायें और अंततः कल्याण को विश्व वासियों को उपहार स्वरुप प्रदान करें।
समस्त ईश्वरीय दूतों व प्रतिनिधियों के निमंत्रण का आधार महान ईश्वर की उपासना और अत्याचार से मुकाबला रहा है। पैग़म्बरे इस्लाम सल्लल्लाहो अलैहि व आलेहि व सल्लम ने एकेश्वरवाद को अपने विश्व व्यापी मिशन का आधार करार दिया।
हज़रत इमाम मेहदी अलैहिस्सलाम की विश्व व्यापी सरकार का आधार भी एकेश्वरवाद होगा। इंसानों को एसे समाज तक पहुंचने के लिए जिसकी मानव समाज आंकाक्षा करता है, सबसे पहले समान विश्वासों तक पहुंचना होगा। एकेश्वरवाद ही केवल वह विश्वास है जो समस्त जातियों एवं क़ौमों को एक दूसरे के निकट कर सकता है। यह वह उद्देश्य है जो हज़रत इमाम मेहदी अलैहिस्सलाम के शासन काल में ही व्यवहारिक होगा। हज़रत इमाम जाफर सादिक़ अलैहिस्सलाम फरमाते हैं” ईश्वर की सौगंध जब हमारे वंश का मेहदी आयेगा और अपनी व्यवस्था को विस्तृत व व्यापक करेगा तो उसकी सरकार का आधार एकेश्वरवाद और अनेकेश्वरवाद का अंत होगा और वह राष्ट्रों एवं धर्मों के मध्य विवाद को समाप्त कर देगा और समस्त धर्मों के स्थान पर एक धर्म होगा।“
हज़रत इमाम मेहदी अलैहिस्सलाम की विश्व व्यापी सरकार का आधार धार्मिक शिक्षाएं होंगी। हज़रत इमाम मेहदी अलैहिस्सलाम की सरकार का आधार धार्मिक शिक्षाएं व मूल्य होंगे। उनकी सरकार में क़ानून, न्याय, भलाई, सामाजिक लेन- देन, सुरक्षा और आर्थिक कल्याण आदि सबका आधार एकेश्वरवाद होगा।
हज़रत इमाम मेहदी अलैहिस्सलाम की सरकार का दूसरा आधार ज्ञान और अज्ञानता से संघर्ष है। हज़रत इमाम मेहदी अलैहिस्सलाम के काल में ज्ञान इतना विकसित होगा कि आज पूरी दुनिया में जो कुछ भी ज्ञान है उसके मुकाबले में वह कुछ भी नहीं है। इंसान के ज्ञान की सबसे बड़ी समस्या उसमें और इंसान की आत्मा में संतुलन का न होना है। alexis carrel जैसे कुछ पश्चिमी बुद्धिजीवियों के अनुसार आज का इंसान ज्ञान- विज्ञान में प्रगति के बावजूद अपनी आध्यात्मिक आवश्यकताओं से निश्चेत है और उद्योग व तकनीक में जितना अधिक विकास होता जायेगा यह दूरी व विरोधाभास उतना ही अधिक स्पष्ट होता जायेगा क्योंकि इस औद्योगिक प्रगति और इंसान की आध्यात्मिक आवश्यकताओं में समानता नहीं है।
हज़रत इमाम मेहदी अलैहिस्सलाम की विश्व व्यापी सरकार का एक आधार ज्ञान को विस्तृत करना और इंसान की सोच को ऊपर ले जाना है। जब पहला कार्यक्रम पूरा हो जायेगा तो उसके बाद यह उद्देश्य भी पूरा हो जायेगा। इन अर्थों में कि जब इंसान अनेकेश्वरवाद को छोड़ देगा और महान ईश्वर के अतिरिक्त किसी अन्य की उपासना नहीं करेगा तो उसकी सोच- ऊंची और उसमें वृद्धि होगी।
हज़रत इमाम जाफर सादिक अलैहिस्सलाम महामुक्ति दाता हज़रत इमाम मेहदी अलैहिस्सलाम के काल में ज्ञान के क्षेत्र में होने वाले परिवर्तन के बारे में फरमाते हैं” ज्ञान के २७ अक्षर हैं यानी ज्ञान की २७ शाखायें हैं और जो कुछ समस्त ईश्वरीय पैग़म्बर लाये हैं वह दो अक्षर से अधिक नहीं है परंतु जब इमाम मेहदी आंदोलन करेंगे तो दूसरे 25 अक्षर भी स्पष्ट हो जायेंगे और उसे वे लोगों के मध्य फैला देंगे।“
हज़रत इमाम मेहदी अलैहिस्सलाम की विश्व व्यापी सरकार और उस समय के समाज में बौद्धिक विकास महान ईश्वर की उपासना, शिष्टाचार एवं ईश्वरीय भय के साथ होगा।
इस बात में कोई संदेह नहीं है कि इंसान का ज्ञान और तकनीक, जो उसकी महत्वपूर्ण उपलब्धि है अगर इंसान की स्वस्थ बुद्धि के साथ हो तो आज हम जो विश्व के विभिन्न क्षेत्र में त्रासदियों के साक्षी हैं वह नहीं होंगी। हज़रत इमाम मेहदी अलैहिस्सलाम की सरकार के काल में ज्ञान की प्रगति आध्यात्मिक परिपूर्णता के साथ होगी ताकि प्रगति के संसाधन अज्ञानियों के हाथ न लग जायें। इंसान के बौद्धिक विकास से नैतिक शिक्षा के साथ एसे समाज का गठन होगा जिसके अंदर विश्व के संचालन की क्षमता व योग्यता मौजूद होगी।
हज़रत इमाम मेहदी अलैहिस्सलाम की सरकार का एक महत्वपूर्ण कार्यक्रम अन्याय से संघर्ष और पूरे मानव समाज में न्याय की स्थापना है। पैग़म्बरे इस्लाम फरमाते हैं” अगर दुनिया के खत्म होने में केवल एक दिन से अधिक का समय नहीं रहेगा तो ईश्वर उस दिन को इस प्रकार लंबा कर देगा कि मेरे अहले बैत में से एक व्यक्ति को सामने और वह ज़मीन को न्याय से भर देगा जिस तरह से वह अत्याचार व अन्याय से भरी होगी”
इस आधार पर महान ईश्वर पर ईमान का बेहतरीन फल न्याय है और जब तक मानव समाज में न्याय स्थापित नहीं होगा तब तक ईश्वरीय दूतों व पैग़म्बरों के बहुत से उद्देश्य व्यवहारिक नहीं होंगे। ईश्वरीय दूत ऊस आये ताकि मानवीय समाज को न्याय की ओर आमंत्रित करें। जब न्याय व्यापक व सार्वजनिक हो जायेगा तो भलाई, परोकार और अच्छे कार्यों से समाज भर जायेगा और इंसानों के मध्य भाईचारे और एक दूसरे से प्रेम भी भावना मज़बूत होगी।
इस संबंध में हज़रत इमाम जाफर सादिक़ फरमाते हैं। “ईश्वर की सौगंध मेहदी न्याय को लोगों के घरों में उस तरह ले जायेगा जिस तरह से सर्दी और गर्मी लोगों के घरों में प्रवेश करती है।“ हज़रत इमाम मेहदी अलैहिस्सलाम के काल में इंसानों की एक दूसरे से भलाई और प्रेम इतना मज़बूत होगा कि पूरे मानव समाज के लोग एक परिवार के सदस्यों की भांति होंगे।
हज़रत इमाम मेहदी अलैहिस्सलाम की सरकार में हर अधिकार को उसके पात्र को दिया जायेगा और कोई भी किसी के अधिकार का हनन नहीं कर सकता। इमाम मेहदी अलैहिस्सलाम अपने पावन हाथों से अत्याचारियों की सरकारों का अंत करेंगे। महान ईश्वर पवित्र कुरआन के सूरे नूर की 55 वीं आयत में कहता है” मोमिन और भले लोगों का इस ज़मीन पर शासन होगा”
हज़रत इमाम मेहदी अलैहिस्सलाम की सरकार में किसी भी गुट, दल और वर्ग को एक दूसरे पर गर्व करने का अधिकार नहीं दिया जायेगा। पैग़म्बरे इस्लाम और उनके पवित्र परिजनों के कथनों में आया है कि हज़रत इमाम मेहदी अलैहिस्सलाम की सरकार में इंसान के भौतिक विकास भी भूमि प्रशस्त हो जायेगी।
जब इंसानों के मध्य संबंध का आधार न्याय होगा तो लोगों पर महान ईश्वर की अनुकंपाओं की वर्षा होगी और सामाजिक व आर्थिक समस्याएं समाप्त हो जायेंगी। इस स्थिति में ज़मीन अपने अंदर निहित अनुकंपाओं को उगल देगी और उससे उचित ढंग से लाभ उठाना संभव हो जायेगा। पैग़म्बरे इस्लाम फरमाते हैं” मेरे अनुयाईयों में मेहदी आंदोलन करेंगे। उनके काल में लोगों को वे अनुकंपाएं प्राप्त होंगी जिन्हें लोगों ने कभी प्राप्त नहीं किया और ज़मीन अपने ऊपर उगने वाली किसी भी चीज़ को नहीं छिपायेगी।“
हज़रत इमाम मेहदी अलैहिस्सलाम की सरकार का एक उद्देश्य लोगों के मध्य शांति व सुरक्षा उत्पन्न करना और उसे लोगों के मध्य व्यापक करना है। उनकी सरकार में न तो किसी के लिए कोई खतरा उत्पन्न किया जायेगा और न ही किसी को कोई चिंता होगी। लोगों में सुरक्षा व्याप्त होगी। जो चीज़ हज़रत इमाम मेहदी अलैहिस्सलाम की सरकार में व्यवहारिक होगी वह महान व सर्वसमर्थ ईश्वर का बारम्बार का वादा है। पवित्र कुरआन में वादा किया गया है कि महिला और पुरुष में से जो भी भला कार्य अंजाम दे और वह मोमिन हो तो ईश्वर पवित्र जीवन का उसे निमंत्रण देता है। हज़रत इमाम मेहदी अलैहिस्सलाम की सरकार में ईमान और अच्छे कार्य के आधार पर हम पवित्र जीवन के साक्षी होंगे। इमाम मेहदी की सरकार में लालच को नियिंत्रत कर दिया जायेगा और कंजूसी समाप्त हो जायेगी। इसी प्रकार हज़रत इमाम मेहदी अलैहिस्सलाम की सरकार में भेदभाव एवं अत्याचार का समूल अंत कर दिया जायेगा। असुरक्षा, सुरक्षा में परिवर्तित हो जायेगी और समाज में हर तरफ प्रेम एवं शांति का बोलबाला होगा। यह हज़रत इमाम मेहदी अलैहिस्सलाम की सरकार की एक विशेषता होगी कि महान ईश्वर पूरब और पश्चिम के लोगों को एक सरकार की छत्रछाया में एकत्रित करेगा और संस्कृति, अर्थ व्यवस्था तथा राजनीति आदि के भूमंडलीकरण का वास्तविक अर्थ एकेश्वरवाद और न्याय की छत्रछाया में व्यवहारिक होना। यह वह संसार होगा जिसका वादा पवित्र कुरआन ने किया है। सच में एसे संसार की कल्पना ही कितनी रोचक और शांतिदायक है।
हे हमारे पालनहार हमारे नेत्रों को अपने अंतिम मार्गदर्शक के दर्शन से शांति प्रदान कर कि वह सत्य व असत्य का मापदंड है। एसे संसार में हमें अपने अंतिम दूत के दर्शन करा जिसमें कुछ लोग अज्ञानता और सत्तालोलुपता के कारण दुनिया के हज़ारों निर्दोष लोगों की हत्या कर रहे हैं और पवित्र कुरआन तथा पैग़म्बरे इस्लाम की परपंरा की ग़लत व्याख्या कर रहे हैं और स्वयं को सही बता रहे हैं। हे हमारे पालनहार हज़रत इमाम मेहदी अलैहिस्सलाम के प्रकाश से संसार को प्रकाशमय बना, उनके आने पर अत्याचारग्रस्तों का अत्चारियों से प्रतिशोध लिया जायेगा। इस आशा के साथ हम आज के विशेष कार्यक्रम को समाप्त कर रहे हैं कि वह दिन शीघ्र ही आयेगा जब समस्त विश्ववासी महामुक्तिदाता हज़रत इमाम मेहदी अलैहिस्सलाम का दर्शन करेंगे और पुरी दुनिया न्याय और शांति से उस तरह भर जायेगी जिस तरह वह अन्याय व अशांति से भरी होगी।
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