शौक़ से खा सकते हो पत्नी का मासः वहाबी मुफ़्ती

भारत में बीफ के खाने या न खाने पर चल रही बहस के दौरान, सऊदी अरब के सरकारी मुफ्ती, शेख अब्दुलअज़ीज़ आले अश्शेख ने फतवा दिया है कि पति यदि इतना भूखा हो कि उसे अपनी जान खतर में महसूस हो तो वह अपनी पत्नी के शरीर का कोई एक अंग या पूरा शरीर ही खा सकता है।

सऊदी अरब के समर्थन समझे जाने वाले अरबी समाचार पत्र अलकुदसुल अरबी में इस फतवे की खबर छपने के बाद अरब जगत में हलचल मच गयी और सोशल मीडिया पर इस फतवे की जमकर आलोचना की जा रही है।

फतवे के अनुसार यह पत्नी की ओर से पति के लिए बलिदान और उसके आदेशपालन का चरम होगा और इस बात का चिन्ह की पत्नी, पति में समा जाने की सराहनीय इच्छा रखती है और इससे परलोक में उसे बहुत पुण्य मिलेगा।

अरबी सोशल मीडिया में इस फतवे की जमकर आलोचना हो रही है और इस्लामी जगत के बुद्धिजीवियों का कहना है कि इस प्रकार के फतवे का कोई आधार नहीं है।

अलकुदसुल अरबी समाचार पत्र के अनुसार सऊदी अरब के सरकारी मुफ्ती शेख अब्दुलअज़ीज़ आले अश्शेख की वेबसाइट पर यह फतवा नज़र नहीं आता किंतु उन्होंने दो दिनों के हंगामे के बाद भी अभी तक इस फतवे का खंडन नहीं किया है।

सोशल मीडिया में बहुत से लोगों ने इस फतवे को इस्लाम को बदनाम करने और यमन पर सऊदी अरब के हमले के समर्थन से भी जोड़ा है।

शेख अब्दुलअज़ीज़ आले अश्शेख पहले भी कई बार अपने विचित्र फतवों की वजह से चर्चा में रह चुके हैं।

कुछ हफ्तों पहले उन्होंने फतवा दिया था कि पंद्रह वर्ष से कम आयु रखने वाली लड़कियों से विवाह में कई हर्ज नहीं यदि वह अनाथ हों।

यह मुद्दा, सीरियाई शरणार्थियों बच्चियों से सऊदी अरब के बूढ़े धनी लोगों के विवाह में वृद्धि की खबरों के साथ उठा था जिस पर उन्होंने यह फतवा दिया था

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