कनाडाः संकुचित मानसिकता वाले जज ने हिजाब पहनने पर अदालत की कार्यवाही रोकी!
कनाडा के पूर्वी राज्य क्यूबेक की एक जज ने अदालत में हाज़िर होने वाली एक मुसलमान महिला की तरफ से सफाई सुनने से केवल इस लिए इन्कार कर दिया क्योंकि वह हिजाब में थी।
जज का कहना था कि अदालत विकसित मानसिकता रखने वालों की जगह है।
कनाडा के सब से बड़े प्रान्त क्यूबेक की महिला जज, इलियाना मेरीन्गो ने रानिया अलूल नामक मुसलमान महिला से कहा कि अदालती कार्यवाही के दौरान वह अपनी सफाई में बोलते समय हिजाब उतार दे क्योंकि जज के सामने उचित वेश भूषा में रहना ज़रूरी है।
जज का कहना था कि कानून के हिसाब से कटहरे में सिर ढांकना और धूप का चश्मा लगाने जैसे काम प्रतिबंधित हैं।
इस महिला जज ने रानिया अलूल से कहा कि या तो वह खुले सिर और बिना किसी हिजाब के कटहरे में उपस्थित हो या फिर उपनी तरफ से कोई सफाई वकील कर ले किंतु रानिया अलूल ने कहा कि वह हिजाब किसी भी दशा में नहीं उतार सकतीं क्योंकि उनका धर्म इसकी अनुमति नहीं देता और यह उनकी आस्था से जुड़ा मामला है जबकि उनके पास इतने पैसे भी नहीं है कि वह अपनी तरफ से सफाई पेश करने के लिए कोई वकील रखें।
कनाडा की महिला जज ने यह सुन कर मुक़द्दमे की सुनवाई रोकने का आदेश दे दिया।
क्यूबेक कनाडा का एकमात्र प्रान्त है जहाँ फ़्रान्सीसी भाषी लोग बहुमत में हैं और जहाँ प्रान्तीय स्तर पर केवल फ़्रान्सीसी आधिकारिक भाषा है।
अदालती कार्यवाही की खबर मीडिया में आने के बाद रानिया अलूल ने कहा कि मेरे पास कनाडा की नागरिकता है किंतु जज की बात सुन कर मुझे लगा कि मैं इस देश की नहीं हूं हालांकि जब मैंने नागरिकता ली थी तो भी मैं हिजाब में थी।
कनाडा के मुसलमानों की संस्था के प्रवक्ता समीर ज़ुबैदी ने क्यूबेक की जज के आदेश पर प्रतिक्रिया प्रकट करते हुए कहा है कि कनाडा में दसियों वर्षों से यहूदी अदालत के कटहरे में अपनी विशेषकर प्रकार की टोपी पहन कर उपस्थित होते रहे हैं और इसी प्रकार मुस्लिम महिलाएं हिजाब के साथ।
याद रहे हालिया दिनों में पश्चिम में इस्लामोफोबिया में वृद्धि हुई है।
पश्चिम , पूर्वी देशों को आज़ादी सीमित करने के लिए आलोचना का शिकार बनाता रहता है किंतु पश्चिमी देशों में अश्लीलता , अवैध संबंध, समलैंगिकता जैसे कृत्यों की आज़ादी है पर विभिन्न धर्मों के लोगों को अपने धर्म के पालन की अनुमति नहीं है
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