इस्राईल में मुसलमानों से शादी करने वाली यहूदी लड़कियों को यहूदी चरमपंथी संस्था की तरफ़ से मिल रही हैं धमकियां

इस्राईल के एक प्रसिद्ध पत्रकार एहुद हीमू ने चैनल टू पर अपनी एक रिपोर्ट में, इस्राईल में मुसलमान धर्म स्वीकार करके मुसलमान फिलिस्तीनियों से विवाह करने वाली यहूदी लड़कियों को होने वाली समस्याओं का प्रकाश डाला है।

यह रिपोर्ट ऐसी स्थिति में प्रसारित हुई है कि जब लाहाफा और काख़ जैसे चरमपंथी यहूदी संगठनों ने मुसलमानों से विवाह करने वाली यहूदियों लड़कियों की घरवापसी के लिए व्यापक प्रयास आरंभ कर रखे हैं।

इस रिपोर्ट में बताया गया है कि किस प्रकार एक 20 वर्षीय यहूदी लड़की, इस्राईली सेना से बाहर निकलने के बाद नौकरी की तलाश में एक फिलिस्तीनी युवा से परिचित हुई और फिर अन्ततः इस्लाम धर्म स्वीकार करके उससे शादी कर ली किंतु अब अपने नगर से दूर अपने घर वालों से छुप कर अरीहा नगर में जीवन व्यतीत कर रही है।

इस्राईली टीवी पर प्रसारित होने वाली इस रिपोर्ट  अनुसार इस लड़की को अरीहा में भी धमकियां मिल रही हैं और कई यहूदी संगठन उस पर अपने घर वापस जाने और यहूदी धर्म पुनः स्वीकार करने के लिए दबाव बना रहे हैं।

रिपोर्ट में बताया गया है कि जो यहूदी लड़कियां फिलिस्तीनियों से विवाह करती हैं उन्हें अपना पूरा जीवन भय व आतंक में बिताना पड़ता है क्योंकि लाहाफा और काख़  नाम के चरमपंथी यहूदी संगठन, ऐसी लड़कियों का अपहरण कर लेते हैं और उन्हें पश्चिमी तक ले जा कर उस समय तक बंद रखते हैं जब तक वह यहूदी धर्म में वापसी की घोषणा नहीं कर देतीं।

इस्राईली पत्रकार की रिपोर्ट में इस प्रकार के विवाहित जोड़ों की असंख्य समस्याओं का उल्लेख किया गया है यहां तक कि यह लोग कभी कभी एक घर में पति पत्नी की तरह नहीं रह सकते क्योंकि इस्राईली सरकार, उनके विवाह का रजिस्ट्रेशन नहीं करते और उन्हें पति पत्नी नहीं मानती।

रिपोर्ट में याईल नामक एक इस्राईली युवती के जीवन पर प्रकाश डाला गया है जो यहूदी से मुसलमान बनी और फिर एक फिलिस्तीनी से विवाह किया किंतु गत 12 वर्षों के दौरान उसे कई बार यहूदी और इस्लाम धर्म में आना जाना पड़ा।

चरमपंथी यहूदी संगठन लहाफा ने तो एक एक बयान जारी करके यहूदी लड़कियों को अपनी मुसलमान सहेलियों के साथ भी घूमने फिरने से मना किया है और कहा है कि यदि यह देखा गया तो नतीजे की ज़िम्मेदारी स्वंय उन लड़कियों पर होगी।

इस प्रकार के संगठन, यहूदी लड़कियों के मुसलमानों के साथ विवाह को इस्राईल के साथ गद्दारी की संज्ञा देते हैं।

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