ईरान के विरुद्ध अमरीकी, इस्राईली और ब्रिटेनी के ख़ुफिया विभागों की सांठ गांठ
अमरीकी गुप्तचर संस्था एन एस ए के पूर्व कर्मचारी एडवर्ड स्नोडन द्वारा रविवार को लीक किए गए दस्तावेज़ में एन एस ए, ब्रितानी गुप्तचर संस्था जी सी एच क्यू और ज़ायोनी सेना के गुप्तचर विभाग सिगनिट 8200 के बीच त्रिपक्षीय सहयोग का रहस्योद्घाटन हुआ है।
इंटरसेप्ट वेबसाइट पर लीक हुए इस दस्तावेज़ में ज़ायोनी शासन के सैन्य गुप्तचर विभाग सिगनिट 8200 को आईएसएनयू के रूप में उल्लेख किया गया है।
इस दस्तावेज़ के अनुसार कि जिस पर 12 अप्रैल 2013 की तारीख़ है, अमरीकी गुप्चर संस्था एन एस ए और ज़ायोनी गुप्तचर संस्था आईएसएनयू के आपसी तथा ज़ायोनी, ब्रितानी और अमरीकी गुप्तचर संस्थाओं के बीच त्रिपक्षीय संबंध उस सीमा तक पहुंचे थे कि ये तीनों संस्थाएं इस बात पर सहमत हुयीं कि ईरान के ख़िलाफ़ जासूसी के लिए उनके बीच सहयोग ज़रूरी है।
इस बीच एन एस ए ने कई महत्वपूर्ण विषयों पर ब्रितानी गुप्तचर संस्था जी सी एच क्यू के साथ निकट सहयोग किया जिसमें तेहरान में ब्रितानी दूतावास पर धावा बोले जाने, ईरान का 2012 और 2013 में अपने कम्प्यूटर नेटवर्क में कंप्यूटर एक्स्प्लॉइटेशन टूल्ज़ का पता लगाना और ईरान तथा गुट पांच धन एक के बीच परमाणु वार्ता प्रक्रिया के दौरान नीति निर्धारकों का समर्थन करने का विषय शामिल है।
इस दस्तावेज़ में इन तीनों संस्थाओं के बीच ईरान के ख़िलाफ़ और सहयोग की संभावना का इंकार नहीं किया गया है।
ज्ञात रहे एडवर्ड स्नोडन, एन एस ए के दस्तावेज़ लीक करने के कारण, अमरीका को वांछित हैं। इस समय वह रूस में शरण लिए हुए हैं जहां उन्हें तीन साल के आवास की इजाज़त दी गयी है।
एडवर्ड स्नोडन द्वारा लीक किए गए दस्तावेज़ अमरीका और दूसरी विश्व शक्तियों के बीच गुप्त मामलों से पर्दा उठाते हैं। इन रहस्योद्घाटनों में एन एस ए द्वारा इस्राइली गुप्तचर संस्था के सिगनिट 8200 विभाग को उस बात चीत का ब्योरा दिया जाना शामिल है जो फ़िलिस्तीनी अरब और ज़ायोनी अरब की उनके अमरीकी संबंधियों के साथ निजी बातचीत पर आधारित था।
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