आतंकवाद के मामले में यूरोप सबसे आगे

ताज़ा सर्वेक्षणों से पता चलता है कि आतंकवादी गुट आईएसआईएल को लड़ाके उपलब्ध कराने में योरोप सर्वोपरि है।

अमरीकी समाचारपत्र वाशिंग्टन पोस्ट के अनुसार आईएसआईएल के लिए युद्ध करने वालों में योरोपीय देशों में फ़्रांस सर्वोपरि है जिसके 1200 नागरिक आईएसआईएल के साथ आतंकवादी गतिविधियों में लिप्त हैं।  वाशिंग्टन पोस्ट के अनुसार अक्तूबर 2014 से जनवरी 2015 तक लगभग 5000 लोग आईएसआईएल में शामिल हुए हैं।  इस प्रकार विश्व के 80 देशों के लगभग 20000 लोग आईएसआईएल के साथ हिंसक कार्यवाहियां कर रहे हैं।

योरोपीय देशों में फ़्रांस के बाद जर्मनी का नंबर आता है इसके बाद ब्रिटेन, बेल्जियम, न्यूज़ीलैण्ड, स्वीडन, फ़िनलैण्ड, डेनमार्क और नार्वे का नंबर आता है।  वाशिंग्टन पोस्ट के अनुसार जहां योरोपीय देशों से आतंकवादियों के आईएसआईएल से आकर मिलने वालों की संख्या में तेज़ी से वृद्धि हो रही है वहीं पर मध्यपूर्व के देशों से आने वाले आतंकवादियों की संख्या में कमी दिखाई दे रही है।

इसी बीच जनवरी तक पाकिस्तान के लगभग 500 आतंकवादी, आईएसआईएल से जुड़े हैं।  अफ़ग़ानिस्तान में उनकी संख्या इसी दौरान 36 से 50 तक बताई गई है।  उत्तरी अफ़्रीका से आने वाले आतंकवादियों की संख्या में किसी भी प्रकार की वृद्धि नहीं देखी गई है।  वाशिंग्टन पोस्ट लिखता है कि पिछले दो महीनों के दौरान अरब देशों से आकर आईएसआईएल से मिलने वाले आतंकवादियों की संख्या में कोई वृद्धि नहीं दर्ज की गई।

वाशिंग्टन पोस्ट की इस रिपोर्ट के अनुसार सऊदी अरब के 2500, इराक़ के 247, यमन के 247, बहरैन के 110, कुवैत के 71, संयुक्त अरब इमारात के 15 तथा क़तर के 12 नागरिक आईएसआईएल के साथ हिंसक कार्यवाहियां कर रहे हैं।

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