ISIS द्वारा जार्डन के पाइलट को जलाने के बाद से शिया मज़हब अपनाने वालों की बढ़ी संख्या
इन्टरनेट पर सक्रिय लोगों ने ट्वीटर पर एक क्लिप जारी की है जिसमें अरबी देशों के सुन्नी मुसलमानों को "इब्ने तैमिया" की किताबों को जलाते हुए दिखाया गया है।
इब्ने तैमिया को वहाबी सम्प्रदाय का संस्थापक कहा जाता है, अरब देशों के मुसलमानों द्वारा यह क़दम जार्डन के पाइलट "मआज़ कसासबा" को ISIS द्वारा जलाए जाने के बाद उठाया गया है।
ISIS ने जब इस पाइलट को जलाया था तो पहले इब्ने तैमिया के एक फ़तवा पढ़ा था और उसके बाद उसको जिन्दा ही जला दिया था।
प्राप्त जानकारी के बाद पिछले कुछ दिनों से मिस्र और ग़ज्ज़ा पट्टी के बहुत से लोगों ने शिया मज़हब अपनाया है इराक़ी समाचार एजेंसी अलमसला के अनुसार आतंकवादी संगठन ISIS का कट्टपन और उनकी बर्बरता अरबी देशों में शिया सम्प्रदाय को अपनाने वालों की बढ़ती संख्या का कारण है।
दूसरी तरफ़ फ़िलिस्तीन के एक विश्लेषक ने मिस्र, फ़लिस्तीन और अलजज़ाएर के लोगों द्वारा शिया मज़हब अपनाने का कारण आयतुल्लाह सीस्तानी की सहिष्णुता और पीड़ित इराक़ी जनता का साथ दिया जाना बताया है।
उन्होंने आगे कहाः इराक़ में शियों का बढ़ता रसूख़, अरब और इस्लामी देशों के साथ इराक़ के अच्छें संबंध, हिज़्बुल्लाह की इस्राईल से जंग और इरान का दूसरे देशों का सहायता करना यह वह कारण हैं जिन्होंने शिया मज़हब को अपनाने में अहम रोल अदा किया है।
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