ISIS का रंगीन ख़लीफ़ा
ISIS का रंगीन ख़लीफ़ा
आईएसआईएल के ख़लीफ़ा व अन्य सदस्यों की दासियों और लड़कियों के पास, युद्ध संबंधी ज़िम्मेदारियों के प्रचार के विपरीत उनकी वासना को ठंडा करने के अतिरिक्त और कोई काम नहीं है।
सोशल मीडिया में कुछ चित्र सामने आए हैं जिनके बारे में कहा जा रहा है कि यह इस्लामिक स्टेट इन इराक़ एंड लिवेंड के स्वयंभू ख़लीफ़ा अबू बक्र बग़दादी के साथ रहने वाली औरतें हैं। इन चित्रों पर कुछ कमेंट्स भी हैं जिनमें कहा गया है कि यह वे महिलाएं हैं जो बग़दादी के साथ जेहादे निकाह के लिए तैयार हुई हैं और इन्हें दासियां नहीं कहा जा सकता। बहरहाल इन महिलाओं को जो भी नाम दिया जाए, यदि ख़लीफ़ा से इनका संबंध पुष्ट भी न हो तब भी इन महिलाओं का यौन शोषण तो निश्चित है। अब तक संसार के अनेक संचार माध्यमों में आतंकवादी गुट आईएसआईएल के सदस्यों के बीच जेहादे निकाह के बारे में बहुत से समाचार सामने आ चुके हैं किंतु इनके पीछे पुराने शासकों की भांति बड़ी संख्या में महिलाओं को अपने साथ रख कर हरम बनाने की निंदनीय परंपरा, आईएसआईएल की ख़ास विशेषता बन चुकी है।
ईज़दी महिलाओं की बिक्री और हरम का विस्तारः
शायद जेहादे निकाह के बाद आईएसआईएल के सदस्यों को हरम बनाने के लिए जिस बात ने प्रोत्साहित किया वह उनके ख़लीफ़ा अबू बक्र बग़दादी की ओर से दिया जाने वाल इनाम था। 30 अगस्त को सीरिया में मानवाधिकार परिषद की रिपोर्ट के अनुसार बग़दादी ने 300 महिलाएं अपने लड़ाकों को ग़नीमत या युद्ध में हाथ आने वाले सामान के रूप में इनाम के रूप में दीं। इसके तुरंत बाद इस स्वयंभू ख़लीफ़ा ने उत्तरी हलब, रक़्क़ा और हसका के उपनगरीय क्षेत्रों में ईज़दी महिलाओं के क्रय-विक्रय की मंडी बना दी और इन महिलाओं की क़ीमत 8 से 10 हज़ार डालर घोषित की। डेली टेलीग्राफ़ की रिपोर्ट के अनुसार आईएसआईएल ने अपने नियंत्रण वाले अनेक क्षेत्रं में महिलाओं और लड़कियों को मानव ढाल के रूप में प्रयोग किया है। इसके अतिरिक्त अन्य देशों विशेष कर यूरोपीय देशों की ओर से बड़ी संख्या में महिलाओं और लड़कियों के जेहादे निकाह के रूप में इस गुट में शामिल होने के कारण, आईएसआईएल ने महिलाओं के यौन शोषण का मार्ग अपनाया।
आईएसआईएल में यूरोपीय लड़कियों के शामिल होने के कारणः
स्पेन के समाचारपत्र लावानगोवार्डिया ने इस आतंकवादी गुट में यूरोपीय लड़कियों के जुड़ने की ओर संकेत करते हुए लिखा है कि इस समय यूरोप के सुरक्षा केंद्रों को यूरोपीय मूल की गर्भवती लड़कियों की स्वदेश वापसी को लेकर बहुत चिंता है क्योंकि यूरोपीय क़ानूनों के अनुसार इन लड़कियों के बच्चों को भी यूरोपीय देशों की नागरिकता प्रदान करनी होगी। ये लड़कियां झूठे दस्तावेज़ों के साथ छुट्टी मनाने के बहाने सीरिया जाती हैं और वहां आतंकियों की काम वासना ठंडी करने के बाद गर्भवती होकर स्वदेश लौटती हैं। कोलंबिया के समाचारपत्र अलटीमियो ने लिखा है कि आईएसआईएल के बीच विदेशी लड़कियों की सही संख्या ज्ञात नहीं है किंतु अनुमान है कि जेहादे निकाह करने वाली दस प्रतिशत लड़कियां और महिलाएं यूरोपीय नागरिकता रखती हैं।
यौन शोषणः
अलटीमियो के अनुसार इनमें से अधिकांश लड़कियां और महिलाएं सोशल मीडिया के माध्यम से आईएसआईएल से जुड़ी हैं। इस्लामिक स्टेट इन इराक़ एंड लिवेंड के स्वयंभू ख़लीफ़ा अबू बक्र बग़दादी की ओर से महिलाओं को जेहादे निकाह में भाग लेने का निमंत्रण दिए जाने का एक कारण सीरिया व इराक़ के जनसंख्या के ढांचे को परिवर्तित करना है। यद्यपि इनमें से बहुत सी लड़कियां और महिलाएं बाद में अपने कृत्य पर पछताती हैं किंतु उन्हें लड़ाकों की कामेच्छा पूरी करने पर विवश कर दिया जाता है। अलटीमियो के अनुसार आईएसआईएल का स्वयंभू ख़लीफ़ा, महिलाओं को जेहाद में कोई विशेष भूमिका नहीं देता और यूरोप की ये महिलाएं केवल उसके और उसके सदस्यों के हरम की शोभा बढ़ाती हैं।
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