आशूरा विरोधी बैनरों से इमाम हुसैन (अ) के प्रचार तक सारी ख़बरें
मोहर्रम का चाँद दिखाई देते ही और आशूरा को देखते हुए सऊदी अरब के विभिन्न शहरों विशेषकर राजधानी रियाज़ में बहुत से बोर्ड लगाए गये हैं जिनपर लिखा हैः आशूरा ख़ुशी का दिन है।
टीवी शिया मोहर्रम के महीने की आहट होते ही पथभ्रष्ट सम्प्रदाय वहाबियत ने भी पैग़म्बर के अहलेबैत विशेषकर सैय्यदुश शोहदा इमाम हुसैन (अ) के साथ अपनी शत्रुता और दुश्मनी को ज़ाहिर करना आरम्भ कर दिया है।
यह उस समय है कि कर्बला के मैदान में इस धरती का सबसे बेहतरीन इन्सान और पैग़म्बर का छोटा नवासा हुसैन भूख और प्यास के साथ शहीद कर दिया गया, लेकिन वहाबी लोग इस क़यामत के दिन को ख़ुशी का दिन मानते हैं और इस दिन जश्न और ख़ुशी मनाते हैं और इस प्रकार अपने यज़ीदी होने का सुबूत देते हैं।
इसी को देखते हुए मोहर्रम का चाँद दिखाई देते ही और आशूरा को देखते हुए सऊदी अरब के विभिन्न शहरों विशेषकर राजधानी रियाज़ में बहुत से बोर्ड लगाए गये हैं जिनपर लिखा हैः आशूरा ख़ुशी का दिन है।
ग़ौरतलब है कि सऊदी वहाबियों की तरफ़ से यह कार्य उस समय हो रहा है कि जब यूरोप के कुछ शहरों में मुसलमानों ने बहुत से विज्ञापन बोर्डों को किराये पर लिया है ताकि उन पर इमाम हुसैन के बारे में प्रचार करें और इस प्रकार इमाम हुसैन की मज़लूमियत को दुनिया से सामने लाये और लोगों का मार्गदर्शन करें।
इन सारी चीज़ों में ध्यान देने वाली बात यह है कि सऊदी अरब जो स्वंय को इस्लामी दुनिया का प्रमुख और नेता समझता है वहां पैग़म्बर के नवासे इमाम हुसैन (अ) के बारे में इस प्रकार लिख कर उनका अपमान किया जाता है, जब्कि दुनिया के दूसरे कोने और यूरोप के शहरों में जिनको मुसलमान काफ़िर कहते हैं में शिया स्वतंत्रता के साथ इमाम हुसैन के लिये प्रचार करते हैं!
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