सत्य और असत्य के बीच कितनी दूरी

सत्य और असत्य के बीच कितनी दूरी

सकीना बानो अलवी

(قال المجتبی علیه السلام فی جواب أسئلة رجل من أهل الشام) فی حدیث طویل:

قَالَ الشَّامِيُّ كَمْ بَيْنَ الْحَقِّ وَ الْبَاطِلِ وَ كَمْ بَيْنَ السَّمَاءِ وَ الْأَرْضِ وَ كَمْ بَيْنَ الْمَشْرِقِ وَ الْمَغْرِبِ وَ مَا قَوْسُ قُزَحَ وَ مَا الْعَيْنُ الَّتِي تَأْوِي إِلَيْهَا أَرْوَاحُ الْمُشْرِكِينَ وَ مَا الْعَيْنُ الَّتِي تَأْوِي إِلَيْهَا أَرْوَاحُ الْمُؤْمِنِينَ وَ مَا الْمُؤَنَّثُ وَ مَا عَشَرَةُ أَشْيَاءَ بَعْضُهَا أَشَدُّ مِنْ بَعْضٍ؟

فَقَالَ الْحَسَنُ بْنُ عَلِيٍّ علیهما السلام:

بَيْنَ الْحَقِّ وَ الْبَاطِلِ أَرْبَعُ أَصَابِعَ فَمَا رَأَيْتَهُ بِعَيْنِكَ فَهُوَ الْحَقُّ وَ قَدْ تَسْمَعُ بِأُذُنَيْكَ بَاطِلًا كَثِيراً.

قَالَ الشَّامِيُّ: صَدَقْتَ.

قَالَ: وَ بَيْنَ السَّمَاءِ وَ الْأَرْضِ دَعْوَةُ الْمَظْلُومِ وَ مَدُّ الْبَصَرِ فَمَنْ قَالَ لَكَ غَيْرَ هَذَا فَكَذِّبْهُ.

قَالَ: صَدَقْتَ يَا ابْنَ رَسُولِ اللَّهِ.

قَالَ: وَ بَيْنَ الْمَشْرِقِ وَ الْمَغْرِبِ مَسِيرَةُ يَوْمٍ لِلشَّمْسِ تَنْظُرُ إِلَيْهَا حِينَ تَطْلُعُ مِنْ مَشْرِقِهَا وَ حِينَ تَغِيبُ مِنْ مَغْرِبِهَا.

قَالَ الشَّامِيُّ: صَدَقْتَ، فَمَا قَوْسُ قُزَحَ؟

قَالَ علیه السلام: وَيْحَكَ لَا تَقُلْ قَوْسُ قُزَحَ فَإِنَّ قُزَحَ اسْمُ شَيْطَانٍ وَ هُوَ قَوْسُ اللَّهِ وَ عَلَامَةُ الْخِصْبِ وَ أَمَانٌ لِأَهْلِ الْأَرْضِ مِنَ الْغَرَقِ.

وَ أَمَّا الْعَيْنُ الَّتِي تَأْوِي إِلَيْهَا أَرْوَاحُ الْمُشْرِكِينَ فَهِيَ عَيْنٌ يُقَالُ لَهَا بَرَهُوتُ

وَ أَمَّا الْعَيْنُ الَّتِي تَأْوِي إِلَيْهَا أَرْوَاحُ الْمُؤْمِنِينَ وَ هِيَ عَيْنٌ يُقَالُ لَهَا سَلْمَى

وَ أَمَّا الْمُؤَنَّثُ فَهُوَ الَّذِي لَا يُدْرَى أَ ذَكَرٌ هُوَ أَمْ أُنْثَى فَإِنَّهُ يُنْتَظَرُ بِهِ فَإِنْ كَانَ ذَكَراً احْتَلَمَ وَ إِنْ كَانَتْ أُنْثَى حَاضَتْ وَ بَدَا ثَدْيُهَا وَ إِلَّا قِيلَ لَهُ بُلْ عَلَى الْحَائِطِ فَإِنْ أَصَابَ بَوْلُهُ الْحَائِطَ فَهُوَ ذَكَرٌ وَ إِنِ انْتَكَصَ بَوْلُهُ كَمَا انْتَكَصَ بَوْلُ الْبَعِيرِ فَهِيَ امْرَأَةٌ وَ أَمَّا عَشَرَةُ أَشْيَاءَ بَعْضُهَا أَشَدُّ مِنْ بَعْضٍ فَأَشَدُّ شَيْ‏ءٍ خَلَقَهُ اللَّهُ عَزَّ وَ جَلَّ الْحَجَرُ وَ أَشَدُّ مِنَ الْحَجَرِ الْحَدِيدُ الَّذِي يُقْطَعُ بِهِ الْحَجَرُ وَ أَشَدُّ مِنَ الْحَدِيدِ النَّارُ تُذِيبُ الْحَدِيدَ وَ أَشَدُّ مِنَ النَّارِ الْمَاءُ يُطْفِئُ النَّارَ وَ أَشَدُّ مِنَ الْمَاءِ السَّحَابُ يَحْمِلُ الْمَاءَ وَ أَشَدُّ مِنَ السَّحَابِ الرِّيحُ تَحْمِلُ السَّحَابَ وَ أَشَدُّ مِنَ الرِّيحِ الْمَلَكُ الَّذِي يُرْسِلُهَا وَ أَشَدُّ مِنَ الْمَلَكِ مَلَكُ الْمَوْتِ الَّذِي يُمِيتُ الْمَلَكَ وَ أَشَدُّ مِنْ مَلَكِ الْمَوْتِ الْمَوْتُ الَّذِي يُمِيتُ مَلَكَ الْمَوْتِ وَ أَشَدُّ مِنَ الْمَوْتِ أَمْرُ اللَّهِ رَبِّ الْعَالَمِينَ يُمِيتُ الْمَوْتَ.

فَقَالَ الشَّامِيُّ أَشْهَدُ أَنَّكَ ابْنُ رَسُولِ اللَّهِ (ص) حَقّاً وَ أَنَّ عَلِيّاً أَوْلَى بِالْأَمْرِ مِنْ مُعَاوِيَةَ.

इमाम हसन (अ) ने शाम के एक व्यक्ति के जवाब में विस्तिरित हदीस में फ़रमायाः

शामी ने कहाः

हक़ (सत्य) और बातिल (असत्य) में कितनी दूरी है?

और ज़मीन एवं आसमान के बीच कितनी दूरी है?

और पूर्व एवं पश्चिम के बीच कितना फ़ासेला है?

क़ौसे क़ज़ह (इंद्रधनुष) क्या है?

वह कौन सा सोता है जिसपर काफ़िरों की आत्माएं रुकेंगी?

और वह कौन सा सोता है जिसपर मोमिनी की आत्माएं ठहरेंगी?

मोअन्नस क्या है?

और वह दस चीज़ें जो एक दूसरे से अधिक सख़्त है क्या हैं?

इमाम हसन (अ) ने फ़रमायाः

हक़ (सत्य) और बातिल (असत्य) के बीच चार उंगलियों का अंतर है, तो जो कुछ तुम अपनी आँखों से देखों वह सत्य और जो अपने कानों से सुनते हो उनमें से बहुत कुछ असत्य होता है

शामी ने कहाः सत्य है

इमाम ने फ़रमायाः धरती और आसमान के बीच एक पीड़िय की फ़रियाद और आँखों के देखने की सीमा जितनी दूरी है और जो भी इसके अतिरिक्त तुमको बताए झूठ कहा है।

शामीः सही कहां आपने हे पैग़म्बर (स) के बेटे

 इमाम ने फ़रमायाः

पूर्व और पश्चिम के बीच सूर्य के एक दिन के चलने भर दूरी है जब देखते हो कि वह पूर्व से उगता है और पश्चिम में डूबता है।

शामी ने कहाः सही है, क़ौसे कज़ह (इन्द्रधनुष) क्या है?

इमाम ने फ़रमायाः वाय हो तुम पर क़ौसे क़ज़ह न कहो, क्योंकि कज़ह शैतान का नाम है, वह ईश्वर का धनुष हैं और नेमतों की अधिकता और उस क्षेत्र के लोगों के लिये बाढ़ से अमान की निशानी है।

और वह सोता जिसपर काफ़िरों की आत्माएं रुकेंगी वह चश्मा है जिसको बरहूत कहते हैं।

और वह सोता जिसपर मोमिनो की आत्माएं ठहरेंगी वह चश्मा है जिसको सलमा कहा जाता है।

मोअन्नस वह है जिसके बारे में पता न हो कि वह नर है या मादा, और उसके बालिग़ होने की प्रतीक्षा की जाए कि अगर वह मर्द होगा तो स्वपदोष होगा और अगर औरत होगी तो मासिकधर्म होगा, और उसका वक्षस्थल उठ जाएगा और अगर यह निशानियां दिखाई न दें तो उसको आदेश दिया जाएगा कि दीवार पर पेशाब करे, अगर उसका मूत्र दीवार पर पहुंच गया तो वह नर है और अगर ऊँट के मूत्र की भाति नीचे गिर गया तो मादा है।

और वह दस चीज़ें जो एक दूसरे से अधिक सख़्त है यह हैः

सबसे सख़्त चीज़ के ईश्वर ने पैदा की वह पत्थर है

और पत्थर से सख़्त, लोहा है और उससे पत्थर तोड़ा जाता है

और लोहे ते सख़्त आग है, जो लोहे को पिघला देती है

और आग से सख़्त पानी है जो उसको बुझा देता है

और पानी से सख़्त बादल है जो पानी को अपने साथ ले जाता है

और बादल से सख़्त हवा है जो बादलों के इधर उधर उड़ा देती है

और हवा से सख़्त, वह फ़रिश्ता है जो हवा चलाता है

और उस फ़रिश्ते से सख़्त अज़ाज़ील (यमदूत का नाम) है जो उस फ़रिश्ते को मौत देता है

और यमदूत से सख़्त, स्वंय मौत है जो यमदूत को मार देती है

और मौत से सख़्त, सारी सृष्टि के ईश्वर का आदेश है जो मौत को भी मार देता है।

शामी ने कहाः मैं गवाही देता हूँ कि आप वास्तव में अल्लाह के रसूल और अली के बेटे और ख़िलाफ़त के लिये मुआविया से अधिक योग्य है।

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(ख़ेसाल, बाब 10, हदीस 33)

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