क़यामत के दिन पूछे जाएंगे यह प्रश्न!

क़यामत के दिन पूछे जाएंगे यह प्रश्न!

अनुवादकः सैय्यदा सकीना बनो अलवी

قال رسول الله صلى ‏ الله‏  عليه ‏ و‏ آله و سلّم:

إِذَا کَانَ یَوْمُ الْقِیَامَةِ لَمْ تَزَلْ قَدَمَا عَبْدٍ حَتَّى یُسْأَلَ عَنْ أَرْبَعٍ: عَنْ عُمُرِهِ فِیمَ أَفْنَاهُ وَ عَنْ شَبَابِهِ فِیمَ أَبْلَاهُ وَ عَمَّا اکْتَسَبَهُ مِنْ أَیْنَ اکْتَسَبَهُ وَ فِیمَ أَنْفَقَهُ وَ عَنْ حُبِّنَا أَهْلَ الْبَیْتِ.

पैग़म्बरे इस्लाम (स) ने फ़रमायाः

जब क़यामत का दिन आएगा तो तो बंदा क़दम नहीं उठाएगा, मगर यह कि उससे चार चीज़ के बारे में प्रश्न किया जाएगाः

1.    उसकी आयु के बारे में कि किस कार्य में लगाई है।

2.    उसकी जवानी के बारे में कि किस रास्ते पर समाप्त की है।

3.    उसकी कमाई के बारे में कि किस रास्ते से हाथ आई है, और कहां ख़र्च की गई है।

4.    और हम अहलेबैत की मोहब्बत के बारे में।

(बिहारुल अनवार जिल्द 74, पेज 162)
 
संक्षिप्त विवरण

चार प्रश्न जो इन्सान के क़यामत के दिन पूछे जाएंगे।

यह वाक्य जिसमें फ़रमाया गया है «لَمْ تَزَلْ قَدَمَا عَبْدٍ» इशारा है इस बात का कि क़दम नहीं बढ़ाएगा, यानी क़यामत के दिन इससे पहले कि इन्सान आगे बढ़े उससे यह चार प्रश्न पूछे जाएंगे।

पहला प्रश्नः «عَنْ عُمُرِهِ فِیمَ أَفْنَاهُ तुम दुनिया में थे तो तुमने अपनी अमर को किस प्रकार बिताया यानी तुम ने किस प्रकार जीवन व्यतीत किया, यहां पर इन्सान से उसकी आयु के बारे में एक संक्षिप्त प्रश्न किया जाएगा, कि बताओ जितने साल तुम दुनिया में थे उसमें तुमने क्या किया?

जवानी किस प्रकार गुज़ारी

दूसरा प्रश्नः «وَ عَنْ شَبَابِهِ فِیمَ أَبْلَاهُ क़यामत में इन्सान से न केवल उसकी पूरी आयु के बारे में प्रश्न किया जाएगा बल्कि इन प्रश्नों में एक प्रश्न उसके जीवन के एव विशेष बाग यानी उसकी जवानी के बारे में भी किया जाएगा, जिससे पता चलता है कि जीवन का यह भाग उन भागों में से है जिसपर अधिक ध्यान दिया गया है। «أَبْلَاهُ» इशारा है पुराना करने का, जिस प्रकार कपड़ा धीरे धीरे पुराना होता है, प्रश्न किया जाएगा कि इस जवानी को किस प्रकार धीरे धीरे समाप्त किया?

अहलेबैत की मोहब्बत क़यामत में बदलेगी क़िस्मत

तीसरा प्रश्नः «وَ عَمَّا اکْتَسَبَهُ مِنْ أَیْنَ اکْتَسَبَهُ وَ فِیمَ أَنْفَقَهُ» हम अहलेबैत की मोहब्बत और दोस्ती के बारे में प्रश्न किया जाएगा, क्या तुमको हम अहलेबैत से मोहब्बत और उनसे संबंध था या नहीं? इससे पता चलता है कि क़यामत के दिन इन्सान से किया जाने वाला यह चौथा प्रश्न उसकी क़िस्मत का फ़ैसला करने वाला है, यानी जिसने इस दुनिया में अहलेबैत की सच्ची मोहब्बत को अपने दिल में बसाया होगा तो उसकी यह मोहब्बत क़यामत में उसकी क़िस्मत बदल देगी।

चेतावनी

क़यामत में इन्सान से यह प्रश्न किये जाएंगे, उत्तर हाज़िर रखिये।

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