नमाज़ और हलाल सम्पत्ति
नमाज़ और हलाल सम्पत्ति
नमाज़ी के लिए ज़रूरी है कि उसका लिबास, नमाज़ पढ़ने की जगह, वज़ू और ग़ुस्ल मे इस्तेमाल होने वाला पानी इस्लामी क़ानून के मुताबिक़ (अनुसार) हासिल किया गया हो। यानी ये सब चीज़ें हलाल हों। अगर वज़ू या ग़ुस्ल मे इस्तेमाल होने वाले पानी एक क़तरा भी हराम तरीक़े से हासिल किया गया हो या नमाज़ी के लिबास का एक बटन या धागा भी ग़सबी हो तो नमाज़ बातिल है। दिलचस्प बात यह है कि अगर हम यह चाहते हैं कि हमारी दुआ और नमाज़ क़बूल हो तो हमे हलाल ग़िजा खानी चाहिए।
जिस तरह हवाई जहाज़ को उड़ने के लिए मखसूस पैट्रोल की ज़रूरत है। इसी तरह इंसान को मानवी (आध्यात्मिक) उड़ान के लिए हलाल गिज़ा की ज़रूरत है।
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