सफ़र के पाँच फ़ायदे
सफ़र के पाँच फ़ायदे
हज़रत अली अलैहिस्सलाम फ़रमाते हैं:
यात्रा करों क्योंकि इसमें पाँच प्रकार के फ़ायदे हैंः
1. 2. प्रगति एवं विकास के लिए अपने वतनों से दूर जाओ और यात्रा करो,
3. मन की ख़ुशी एवं प्रसन्नता,
4. आजीविका की प्राप्ति,
5. ज्ञान एवं अनुभव की प्राप्ति
इस हदीस के अनुसार इन्सान को यात्रा करनी चाहिए ताकि वह अपने जीवन के प्रसन्ता सम्पन्ता और विकासशील बना सके, और यह यात्रा उसकी रोज़ी को बढ़ाती है, क्योंकि जो इन्सान व्यापारी सोंच रखता है जब वह अलग अलग स्थानों की यात्रा करता है तो वह अलग अलग स्थान के लोगों की आवश्यकताओं और ज़रूरतों को देखता है और वह उसी के अनुसार कार्य करता है और अपना व्यापार फैलाता है जिससे उसकी रोज़ी और कमाई बढ़ती है, और यात्रा का एक दूसरा लाभ यह है कि इन्सान अलग अलग प्रकार के लोगों से मिलकर अनुभव प्राप्त करता है जिससे वह अपने जीवन के और अधिक आसानी के बिता सकता है, और स्वंय यात्रा इन्सान का ज्ञान बढ़ाती है, जिसके लिए इस्लाम में बहुत ताकीद की गई है और कहा गया है कि ज्ञान प्राप्त करों चाहे तुमको चीन की ही यात्रा क्यों न करनी पड़े।
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