नहजुल बलागा खुत्बा 105 हिन्दी में

नहजुल बलागा खुत्बा 105 हिन्दी में

मैं ने तुम्हें भागते और सफ़ों (पंक्तियों) से मुन्तशिर होते (बिखरते) देखा, जब कि, तुम्हें चन्द खरे क़िस्म के औबाशों (दुष्ट) लोगों) और शाम के बद्दुओं ने अपने घेरे में ले लिया था हालांकि तुम अरब के जवां मर्द शरफ़ के रासो रईस (सरदार), क़ौम में ऊंची नाक वाले, और चोटी की बलन्दी वाले हो।

मेरे सीने से निकलने वाली कराहने की आवाज़ें उसी वक्त दब सकती हैं कि जब मैं देख लूं कि आख़िरे कार जिस तरह उन्होंने तुम्हें घेर रखा है, तुम ने भी उन्हें अपने नर्ग़े में ले लिया हो, और जिस तरह उन्होंने तुम्हारे क़दम उखेड़ दिये हैं उसी तरह तुम ने भी उन के क़दम उन की जगहों से उखेड़ डाले हों। तीरों की बोछार से उन्हें क़त्ल करते हुए और नेज़ों के ऐसे हाथ चलाते हुए कि जिस से उन की पहली सफ़ें दूसरी सफ़ों पर चढ़ी जाती हों जैसे हंकाए हुए प्यासे ऊंट कि जिन्हें उन के तालाबों से दूर फ़ैक दिया गया हो और उन के घाटों से अलायहदा (पृथक) कर दिया गया हो।

नई टिप्पणी जोड़ें