तक़लीद विभिन्न आयतुल्लाह की नज़र में

तक़लीद विभिन्न आयतुल्लाह की नज़र में

सवाल: क्या तक़लीद के बाद पूरी तौज़ीहुल मसाइल का पढ़ना ज़रुरी है?

जवाब: आयतुल्लाह सीस्तानी: उन मसाइल का जानना ज़रूरी है जिस से इंसान हमेशा दोचार है।

आयतुल्लाह ख़ामेनई: ज़रूरी नही है बल्कि सिर्फ़ दर पेश आने वाले मसाइल का जानना ज़रूरी है।

सवाल: अगर किसी मसले में मुजतहिद का फ़तवा न हो तो क्या दूसरे की तक़लीद की जा सकती है?

जवाब: आयतुल्लाह सीस्तानी: अगर किसी मसले में किसी मरजअ ने फ़तवा न दिया हो तो रूतबे के ऐतेबार से उस के बाद वाले मुजतहिद के फ़तवे पर अमल करना वाजिब है।

आयतुल्लाह ख़ामेनई: किसी दूसरे मुसावी मुजतहिद के फ़तवे पर अमल किया जा सकता है।

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