isis बुत परस्तों से भी बदतरः सऊदी मुफ़्ती
सऊदी अरब के धर्मगुरू और प्रचारक साद बिन नासिर अश्शतरी ने आतंकी संगठन आईएस पर निशाना साधते हुए कहा कि आईएस, यहूदियों और ईसाईयों से बढ़कर नास्तिक हैं, यह लोग ईश्वर और उसके पैग़म्बर से संघर्ष कर रहे हैं और इस्लामी जगत के सभी लोगों पर अनिवार्य है कि वह आईएस में शामिल अपने निकटवर्तियों को यह संदेश पहुंचा दें।
सऊदी अरब की वरिष्ठ धार्मिक परिषद के पूर्व सदस्य साद बिन नासिर अश्शतरी का कहना था कि आईएस संगठन, ईश्वर और उसके दूत से संघर्ष कर रहा है, ईश्वर के घर को बंद कर रहा है, ईश्वर के बंदों को यातनाएं दे रहा है और इस गुट में शामिल होना महापाप है बल्कि इसमें शामिल लोगों का इस्लाम धर्म से कुछ लेना देना नहीं है।
साद बिन नासिर अश्शतरी ने अलमज्द नामक टीवी चैनल को दिए गए विशेष साक्षात्कार में कहा कि जो लोग आईएस में शामिल हो गये हैं उन्हें इस संगठन को तुरंत छोड़ देना चाहिए। उनका कहना था कि इन लोगों का साथ छोड़ने वालों को आईएस के लोग जान से मार देते हैं तो मैं उन लोगों से कहना चाहता हूं जो उस संगठन को छोड़ने का इरादा रखते हैं, अपने कमान्डर और उसके साथ कई लोगों को मौत के घाट उतार दें, हो सकता है कि ईश्वर यह साहस करने वालों को माफ़ कर दे।
उनका कहना था कि जो लो आईएस की ओर से लड़ते हुए मारे जाते हैं वे शहीद नहीं हैं बल्कि मेरे ख़्याल में उनका ठिकाना नरक है, उनके आज्ञापालन का वचन अवैध और उसका कोई महत्त्व नहीं है। आईएस के साथ हर प्रकार का सहयोग, अल्लाह और उसके पैग़म्बर से विश्वासघात है। मुफ़्ती ने कहा कि आईएस से संघर्ष करना अनिवार्य है और जो उनसे संघर्ष करता हुआ मारा जाएगा, ईश्वर से दुआ है कि उसकी गणना शहीदों में करे।
सऊदी मुफ़्ती ने समस्त मुसलमानों से अपील की कि वे दुनिया के लोगों को यह संदेश पहुंचा दें कि हर मां अपने बेटों को, हर पत्नी अपने पति को, हर बहन अपने भाई को और हर पड़ोसी अपने पड़ोसी को यह संदेश पहुंचा दे। उनका कहना था कि मैं दुआ करता हूं कि इराक़ और सीरिया के लोग पूरी दृढ़ता के साथ इन लोगों के समक्ष डट जाएं और धर्मगुरूओं को इनकी वास्तविता की पोल दुनिया के सामने खोलनी चाहिए।
अश्शतरी का कहना है कि इन लोगों को ख़वारिज अर्थात पथभ्रष्ट कहना ग़लत है क्योंकि यह अनेकेश्वरवादी और नास्तिक हैं जो ईश्वर और उसके दूत से संघर्ष करते हैं, यह लोग अल्लाह को ईश्वर, इस्लाम को धर्म और पैग़म्बरे इस्लाम को पैग़म्बर नहीं मानते यह लोग यहूदियों और ईसाईयों से बदतर हैं बल्कि अनेकेश्वरवादियों से बढ़कर नास्तिक हैं।
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