बहरैन isis के लिये सुरक्षित ठिकाना!!

क्षेत्री देशों द्वारा आतंकवादी संगठन आईएसआईएस से मुक़ाबला करने और उनके सदस्यों को वांटेड बनाने की कोशिश के बाद भी ऐसी लगता है कि बहरैन इस आतंकवादी संगठन के समर्थकों के एक बेहतरीन स्थान बनता जा रहा है।

टीवी शिया अलआलम से प्राप्त समाचार के अनुसार, अंतर्राष्ट्रीय और स्थानी चेतावनियों के बावजूद बहरैन उन लोगों के विरुद्ध कोई भी क़ानूनी कार्यवाही नहीं कर रहा है जो खुले आम या फिर गोपनीय स्तर पर इस आतंकवादी संगठन का समर्थन या उनकी सहायता कर रहे हैं।


मिरातुल बहरैन नामक साइट ने लिखा है कि यह देश आतंकवादी संगठन का समर्थन करने वालों पर कार्यवाही करने के बजाए जो लोग isis के झंडों को अपनी गाड़ियों पर लगा कर घूम रहे हैं उनके कार्यों के लिये बहाने बाज़ी कर रहा है और बता रहा है कि जो लोग यह कार्य कर रहे हैं उनको नहीं पता है कि उन्होंने isis का झंडा लगा रखा है।


लेबनान के चैनल "अलमनार" की साइट ने "बहरैन दाइश की आवाज़" शीर्षक से लिखे लेख में कहा है कि बहरैन के अधिकारियों की यह बाते उनके द्वारा आईएसआईएस आतंकवादियों के समर्थन और सहायता को दिखाती हैं।

अमरीका के विदेश मंत्रालय की तरफ़ से isis को वित्तीय सहायता देने वाले 131 लोगों की जारी लिस्ट में दो बहरैनी भी दिखाई देते हैं।


स्पष्ट रहे कि बहरैन सरकार के प्रवक्त ने कहा हैः "इराक़ी जनता की स्वतंत्रता की चाह को दबाने के लिए दाइश का नाम इस्तेमाल किया जा रहा है और अलअंबार की घटनाएं उस अत्याचार के विरुद्ध इन्क़ेलाब है जो पिछले दस सालों से इराक़ में जारी है"।

राष्ट्रीय और विदेशी सुरक्षा मामलों के प्रमुख ने भी इराक़ में isis के अस्तित्व को संदेहास्पद बताते हुए ट्वीट किया थाः "दाइश ने सीरिया में तीन सालों में एक भी इन्सान नहीं पकड़ा है तो इराक़ में कैसे पकड़ लिया, क्या वास्तव में इराक़ में isis है"।

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