isis अमरीका और इस्राईल की देन


दौलते क़ानून गठबंधन के प्रतिनिधि ने आतंकवादी संगठन isis को अमरीका और इस्राईल की पैदावार बताया और ताकीद की है कि इस संगठन का लक्ष्य देशों को तोड़ना है, और isis पर अमरीकी हमला केवल अरबील में वाशिंगटन के हितों की रक्षा करना है।

अलआलम से प्राप्त समाचार के अनुसार मोहम्मद अलसहयूद ने इराक़ी चेनल सूमरिया न्यूज़ से कहाः दाइश अमरीका और इस्राईल का बनाया हुआ है और इस संगठन का वजूद ज़ायोनी शासन की देशों को तोड़ने की साज़िश की एक कड़ी है।

उन्होंने कहाः आतंकवादियों का संजार की तरफ़ बढ़ना और अरबील में घुसने की कोशिश ने उनके (अमरीका, इस्राईल और आतंकवादियों) बीच के करार के तोड़ दिया था।

अलसहयूदी ने कहाः अमरीका का हवाई हमला मूसल में नहीं है और अमरीका ने आतंकवादियों के इकट्ठे होने के स्तान को निशाना नहीं बनाया है, बल्कि यह हमले केवल कुर्दिस्तान के सरहदी क्षेत्रों तक सीमित हैं, और यह दिखाता है कि अमरीका के हवाई हमले अरबील में वाशिंगटन के हितों की रक्षा करने के लिये हैं और बस।


अलसहयूदी ने बतायाः दाइश का मक़सद केवल अरबील के इराक़ नहीं है बल्कि वह पूरे क्षेत्र के लिये ख़तरा है, अमरीका अगर isis के विरुद्ध लड़ने का दावा कर रहा है तो उसको इस देश में आतंकवादियों से लड़ाई के आरम्भ से ही समर्थन और मदद देनी चाहिये थी।

अमरीका के रक्षा मंत्रालय ने पिछले शुक्रवार को एलान किया था कि अमरीके के दो विमानों ने isis के उन ठिकानों को अपना निशाना बनाया है जिनको कुर्द बलों पर हमले के लिये प्रयोग किया जा रहा था।

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