इस्राईल की अजेय समझी जाने वाली सेना की ग़ज़्ज़ा में तीसरी करारी हार
ईरान के डिप्टी चीफ़ आफ़ आर्मी स्टाफ़ जनरल मसऊद जज़ायरी ने कहा है कि ग़ज़्ज़ा पट्टी से अतिक्रमणकारी इस्राईली सेना का निष्कासन ज़ायोनी शासन की तीसरी बड़ी पराजय है।
जनरल जज़ायरी ने कहा कि इससे पहले ग़ज्ज़ा में दो बार 22 दिसवीय और 8 दिवसीय युद्धों में ज़ायोनी शासन को पराजय का मुंह देखना पड़ा है जबकि इस बार 30 दिनों तक चलने वाली लड़ाई में ज़ायोनी शासन का सारा दबदबा समाप्त हो गया और सारी दुनिया ने इस हत्यारे शासन की डावांडोल स्थिति को अपनी आंख से देखा।
ग़ज़्ज़ा से विवश होकर अपने सैनिक बाहर निकालने की ज़ायोनी शासन की घोषणा का हवाला देते हुए जनरल जज़ायरी ने कहा कि दुष्ट ज़ायोनियों की प्रवृत्ति में अतिक्रमण और क़त्ल शामिल है अतः उनसे किसी शांति पूर्ण समाधान की आशा नहीं रखी जा सकती।
ईरान की डिप्टी चीफ़ आफ़ आर्मी स्टाफ़ ने कहा कि ज़ायोनी शासन को केवल शक्ति की ज़बान ही समझ में आती है। उन्होंने कहा कि पश्चिमी तट के क्षेत्रों में आने वाले बदलाव के कारण अब ज़ायोनी शासन को नई चुनौतियों का सामना है।
जनरल जज़ायरी ने कहा कि इस बार के ग़ज़्ज़ा युद्ध के दौरान अरब देशों का मौन और अमरीका तथा ज़ायोनियों के साथ उनका सहयोग हमेशा याद रखा जाएगा जबकि इस युद्ध में ज़ायोनियों की पराजय को भी इतिहास कभी नहीं भूलेगा और यह पराजय वास्तव में अफ़ग़ानिस्तान, सीरिया, इराक़ और लेबनान में अमरीका तथा ज़ायोनी शासन की पराजय की सूचि में शामिल हो गई है।
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