मौलाना सलमान नदवी ख़ूख़़ार आतंकवादी अबू बकर बग़दादी को बधाई दी।

दारुल उलूम नदवतुल उल्मा के प्रमुख उस्ताद ने दाइश आतंकवादी संगठन के सरगना अबू बकर बग़दादी को पत्र लिखकर अमीरुल मोमिनीन के लक़ब से नवाज़ा और उसको बधाई दी है।

इस्लाम टाइम्स की रिपोर्ट के अनुसार भारत के प्रमुख सुन्नी आलिमे दीन और ऑल इंडिया मुस्लिम पर्सनल लॉ बोर्ड के पूर्व अध्यक्ष स्वर्गीय मौलाना अबुल हसन अली नदवी उर्फ अली मियां के नवासे मौलाना सलमान नदवी ने “आईएसआईएस” के सरगना अबू बकर बग़दादी को एक पत्र लिख कर उसकी हुकूमत के लिये उसे बधाई दी है। गौरतलब है कि हाल ही में अबू बकर बग़दादी ने भारतीय मुसलमानों से अपने देश के खिलाफ जंग करने की अपील की है। मौलाना सलमान नदवी की इस कार्यवाही से भारत की जनता और खास कर उल्मा हैरान हैं।

सलमान नदवी का दो पृष्ठों पर आधारित यह पत्र Whatsapp पर गश्त कर रहा है, सलमान नदवी ने एक संवाददाता से इस पत्र की पुष्टि की है, उन्होंने अपने पत्र में आतंकवादी सरगना अबू बकर बग़दादी को अमीरुल मोमिनीन के लक़ब से सम्बोधित करते हुए कहा है कि खुदा उनकी रक्षा करे, उनके द्वारा उम्मत को फ़ायदा पहुंचे और इस्लाम का झंडा बुलंद हो। उन्होंने अपने पत्र में लिखा कि आली जनाब! मैं बहुत दिनों से आपकी इस्लामी हुकूमत की खबरों को सुन रहा था और उसके बारे में काफी मुशताक़ रहता था।

इससे पहले भी अफ़ग़ानिस्तान में इस्लामी संगठनों के जिहाद के समाचार पर लगातार नज़र रखता था जो कि अस्ल जिहाद रूस के विरुद्ध था, फिर उसके बाद इराक पर अमेरिकी हमले और फिर उसके बाद मुझे इस बात की जानकारी है कि सीरिया में अन-नुसरह और दौलते इस्लामिया की बीच मतभेद बहुत आगे बढ़ चुके हैं, इसके अलावा सीरिया में जो संगठन लड़ रहे हैं उनमें आपसी मतभेद हमारे लिए दुखद थे कि इसी दौरान हमने यह ख़बर भी सुनी कि आप ने इराक़ के मूसेल शहर पर कब्जा करके एक अपराधी नूरी मालिकी (इराकी प्रधानमंत्री) के विरुद्ध जीत हासिल की है, नूरी मालिकी फिलहाल बहुत सरकश है और मज़हबी फ़ितना फैलाने में उसने कोई कसर नहीं छोड़ी, यह फ़ितना बड़ा और उस का करने वाला बड़ा ज़ालिम है।

दारुल उलूम नदवतुल उल्मा में पढ़ाने वाले मौलाना सलमान नदवी ने अपने इस पत्र में कुख्यात आतंकवादी अबू बकर बग़दादी के नमाजे जुमा के उस ख़ुत्बे का हवाला दिया है कि जो उसने मूसेल में मार काट की बाद पहली बार वहाँ की जामा मस्जिद में दिया था, मौलाना सलमान नदवी ने पत्र में लिखा हैः “मैंने आपको बहुत ध्यान से सुना है जब कि आप को देखा नहीं है और उसको सुना है जिसे आपने अपना प्रतिनिधि बना रखा है” मौलाना सलमान नदवी ने अबू बकर बग़दादी की हिम्मत और बहादुरी की प्रशंसा करते हुए कहा कि बड़ी चट्टान बनकर आसमान की ओर खड़े हैं और उस हुकूमत को खत्म करके ऐसे रास्ते पर कदम रखा है जिसमें कांटे और पत्थर ही पत्थर हैं, मैंने उस जुमे के ख़ुत्बे को ग़ौर से सुना जो आपने 6 रमजान को मूसेल की जामा मस्जिद में दिया था, हम जानते हैं कि जितने सुन्नी कबीले हैं वह आपके साथ हैं और उनके अलावा जिहादी संगठन आपसे जंग नहीं करना चाहते, आप जो भी भूमिका निभा रहे हैं उसको सभी ने स्वीकार किया है और आपको अमीरुल मोमिनीन मान लिया है।

मौलाना सलमान नदवी ने आतंकवादी अबू बकर बगदादी से यह उम्मीद जताई है कि वह इराक़ की मालिकी हुकूमत को उखाड़ फेकेंगे, मौलाना नदवी ने कहा कि इसी की साथ यह भी कहना चाहूंगा कि इंसाफ भी स्थापित हो और हर तरह के अत्याचार को समाप्त किया जाए, सारे समूह एक मंच पर नजर आयें, मौलाना नदवी ने उम्मीद जताई कि यह अच्छा होगा कि दौलते इस्लामिया ख़िलाफ़त इस्लामी में परिवर्तित हो जाये, एक मज़हब वाले दूसरे मज़हब वालों को निशाना न बनाएं, न सुन्नी मारा जाए और न शिया को क़त्ल किया जाए, जितने धर्म वाले हैं उनके साथ न्याय किया जाए, जबरदस्ती किसी के सिर पर तलवार नहीं लटकाई जाए मगर इस स्थिति में क़त्ल किया जाए जिसका आदेश दिया गया है, यानी जो खुदा और रसूल के खिलाफ जंग करे और ज़मीन पर फ़ितना फैलाए, किसी भी स्थिति में बच्चों, बूढ़ों और महिलाओं की हत्या वैध नहीं है, लेकिन जब उन पर अत्याचार साबित हो जाये और वह भी सच्चे काज़ियों के आदेश से उन्हें क़त्ल किया जा सकता है।

संवाददाता से बातचीत करते हुए मौलाना सलमान नदवी ने कहा कि उन्होंने यह पत्र Whatsapp पर इसलिए डाल दिया था कि ख़लीफ़ा अबू बकर बग़दादी के पत्राचार का पता उन्हें नहीं मालूम था। सलमान नदवी के इस पत्र से खुफिया एजेंसियों के कान खड़े हो गए हैं। दारुल उलूम नदवतुल उल्मा जैसे विश्व प्रसिद्ध शैक्षणिक संस्था के एक शिक्षक के आतंकवादी सरग़ना को पत्र लिखने पर दारुल उलूम नदवतुल उल्मा के कुछ जिम्मेदारों में कानाफूसी शुरू हो गई हैं।

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