इस्राईली हमलों में मरते फ़िलिस्तीनी बच्चे


इस्राईल सेना के आवासीय क्षेत्रों पर हमले में अब तक सदियों फ़िलिस्तीनी बच्चों की मौत हो चुकी है।

टीवी शिया ब्रिटेन का इन्डिपेंडेंट समाचार पत्र ने अपने आज के अख़बार में उन फ़िलिस्तीनी बच्चों के बारे में लिखा है जो इस्राईल के वहशियाना हमलों के शिकार बने हैं।

ग़ज़्ज़ा में इस समाचार पत्र के रिपोर्टर किम संजूबाता ने 9 साल की एक बच्ची मरयम अलमिस्री की कहानी लिखी है जिसके माता पिता ने बांझपन के कारण कृत्रिम गर्भाधान से औलाद पाई थी।

इस बच्ची के पिता ने अस्पताल में रिपोर्टर से बात करते हुए कहाः मरयम हमारी ज़िन्दगी की सबसे क़ीमती चीज़ थी, लेकिन अब मुझे नहीं पता कि वह कभी होश में आएगी भी कि नहीं।

पिता ने कहाः मरयम घर के आंगन में खेल रही थी कि अचानक इस्राईली विमानों ने पड़ोस के घर पर बम बरसाये जिससे हमारे घर को भी नुक़सान हुआ फ़िर मैंने अपनी बच्ची को ख़ून में लतपत ज़मीन पर पड़ा देखा।

इन्डिपेंडेन्ट का रिपोर्टर लिखता हैः मरयम उन दसियों बच्चों में से है जो रोज़ इस्राईली हमले का शिकार रो रहे हैं और अब तक 22 से अधिक बच्चों की मौत हो चुकी है और बहुत से घायल हुए हैं।

शिफ़ा अस्पताल के बच्चों के डाक्टर नबील अल शरक़ावी ने कहाः बच्चों का इलाज बहुत कठिन है, यह सही है कि हम डाक्टर हैं लेकिन हम भी इन्सान हैं, हम बच्चों में बैठे हुए हर और भय को देखते हैं जो कि बहुत ही दर्दनाक है।

उन्होंने कहाः मरयम की सर पर चोट लगी है, हमे आशा है कि वह बच जाएगी लेकिन वह बोल पाएगी या अपने पैरों पर चल पाएगी इसके बारे में नहीं कह सकते हैं, अफ़सोस की हमें अभी बहुत से ऐसे बच्चों को देखना होगा।

अल शरक़ावी ने बहुत भयानक तरीक़े से घायल एक बच्चे की फ़ोटो दिखाई और कहाः इस बच्चे की मुझे बहुत चिंता है, कल इसको अस्पताल लाया गया, जब्कि इसके दोनों हाथ और पैर कट चुके थे, उसके पता था कि उसके साथ क्या हुआ है, और वह मुझसे कह रहा था कि मैं उसका दर्द कम कर दूं, मैं उसके लिए कुछ ज़्यादा नहीं कर सका और कुछ देर के बाद उसकी मौत हो गई।

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