हज़रत अली और पैग़म्बर (स) एक ही नूर से

रसूले अकरम (स) ने फ़रमाया: मैं और अली बिन अबी तालिब, आदम की ख़िलक़त से चार हज़ार साल पहले ख़ुदा के नज़दीक एक नूर थे, जिस वक़्त ख़ुदा वंदे आलम ने (जनाबे) आदम को ख़ल्क़ फ़रमाया, उस नूर के दो हिस्से किये, जिसका एक हिस्सा मैं हूँ और दूसरा हिस्सा अली बिन अबी तालिब (अ) हैं।

(तज़किरतुल ख़वास पेज 46)

नई टिप्पणी जोड़ें