isis को सुन्नियों से जोड़ना इस्लाम का अपमान हैः जमीअते ओलेमा पाकिस्तान
दाइश एक आतंकवादी संगठन है और इस वहाबी संगठन को सुन्नी मुसलमानों से जोड़ना इस्लाम का अपमान है, यह कहना है जमीअते ओलेमा पाकिस्तान कराची के सदर अल्लामा क़ाज़ी अहमद नूरानी सिद्दीक़ी का।
अल्लामा क़ाज़ी अहमद नूरानी, अल्लामा अक़ील अनजुम क़ादरी और दूसरे ओलेमा ने कराची प्रेस क्लब में इराक़ की वर्तमान स्तिथि पर सुन्नी मुसलमानों का पक्ष रखते हुए यह बयान दिया।
इस मौक़े पर मुफ़्ती रफ़ी अल रहमान नूरानी, मुफ़्ती बशीर अल कादरी, महफ़ूज़ शाह एजाज़ी, अल्लामा अल ग़फ़्फ़ार ओवैसी, पीर फ़ारूक़ शाह एजाज़ी जमालुद्दीन नूरानी आदि अपस्थित थे।
इस कांफ़्रेस में क़ज़ी अहमद नूरानी ने कहा कि हज़रत अली (अ) हज़रत इमाम हुसैन (अ) हज़रत अब्बास (अ) इमाम अबू हनीफ़ा, ग़ौसुल आज़म शेख़ अब्दुल क़ादिर जीलानी आदि के रौज़ों समेत इराक़ से सारे पवित्र स्थलों की सुरक्षा के लिये सारे मुसलमानों को एकजुट हो कर प्रयास करना चाहिए।
उन्होंने अपने बयान में कहा कि दाइश एक आतंकवादी संगठन है और इस संगठन को सुन्नी मुसलमानों ने जोड़ना इस्लाम का अपमान है।
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