इराक़ में अब सुन्नी ओलेमा ने आतंकी संगठन दाइश के विरुद्ध जेहाद का फ़तवा दिया
टीवी शिया रिपोर्ट प्राप्त समाचार के अनुसार जमीअत ओलेमा इराक़ ने आज एक फ़तवा जारी करके सारे इराक़ी नागरिकों से कहा है कि वह हथियार उठा लें और दाइश से इराक़ की रक्षा करें।
इराक़ के सरकारी चैनल अलइराक़िया टीवी ने ख़बर दी है किः जमीअत ओलेमा इराक़ के प्रतिनिधि शेख़ ख़ालिद अलमला रईस ने सारे सुन्नी ओलेमा की तरफ़ से फ़तवा देते हुए कहाः जमीअते ओलेमा इराक़ बग़दाद के अपने केन्द्रीय दफ़्तर से इराक़ के हर नागरिक से यह मांग करता है कि वह दाइश को समाप्त करने के लिए हथियार उठा लें और उनके विरुद्ध उठ खड़ें हों।
उन्होंने आगे कहाः यह जमीअत हर इराक़ी नागरिक से चाहती है कि सभी अपने देश की एकता और अखंडता को बचाने के लिए आतंकवादियों के विरुद्ध उठ खड़े हों।
शियों को प्रसिद्ध आलिमें दीन और धर्मगुरू आयतुल्लाह सीस्तानी ने भी शुक्रवार के दिन इराक़ी लोगों से कहा था कि वह सेना के साथ कंधे से कंधा मिलाकर खड़े हो जाएं और आतंवादियों को सफ़ाया कर दें।
जमीअते ओलेमा ए इराक़ के सदस्य शेख़ मोहम्मद अमीन ने कहा है कि दाशख केवल एक वहाबी तकफ़ीरी टोला है और उसका सुन्नियों से कोई संबंध नहीं है।
स्पषट रहे कि शिया आलिमे दीन के इस प्रकार के फ़तवे के बाद सुन्नी ओलेमा की तरफ़ से यह फ़तवा दिया जाना बता रहा है कि आतंकी संगठन दाइश न तो सुन्नियों का हामी है और न ही शियों का, वह केवल इस्लाम के नाम पर ख़ून बहाना जानते हैं।
ध्यान देने वाली बात यह है कि सुन्नी ओलेमा की तरफ़ से यह फ़तवा तब आया है कि जब दाइश का दावा यह है कि वह सुन्नियों के दोस्त हैं और उनका काम केवल शियों का ख़ून बहाना है।
लेकिन वास्तविक्ता बिलकुल इसके उलट है, क्योंकि अभी तक दाइश ने जिन शहरों पर क़ब्ज़ा किया है उनमें से सभी शहरों में अधिकतर सुन्नी रहने वाले थे, लेकिन उन्होंने वहां जो अपराध किये, लोगों का जंनसंहार किया, औरतों को सेक्स जेहाद के लिए मजबूर किया, बच्चों का गला काटा आदि यह सब दिखाता है कि दाइश का यह कहना कि हम सुन्नियों के दोस्त हैं एक धोखा मात्र है।
इसलिए सारे मुसलमानों को होशियार हो जाना चाहिए और ध्यार रखना चाहिए कि यह आतंकवादी अमरीका के हाथों की कठपुतलियां हैं जो नहीं चाहता है कि मुसलमान एक साथ रहें।
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