भारतीय उपमहाद्वीप में धार्मिक छात्रसंघ के वार्षिक सम्मेलन के अवसर पर आयतुल्लाह ख़ामेनई का पैग़ाम
इस्लामी क्रांति के लीडर हज़रत आयतुल्लाहुल उज़मा सैयद अली ख़ामेनई ने उपमहाद्वीप के भारतीय छात्रों की इस्लामी संगठनों की यूनियनों की तीसवें वार्षिक बैठक के नाम संदेश में बल देते हुए कहा है कि चिंतन, सोंच, ज्ञान, इल्म, दीनदारी और पाकदामनी (पवित्रता) भविष्य में छात्रों और जवानों के लिए सबसे महत्वपूर्ण और वास्तविक तत्वों में से है।
आपके इस बयान को हिन्दुस्तान में आपके प्रतिनिधि महदवी पूर ने दिल्ली के कलचर हाउस में पढ़ा।
बिसमिल्लाहहिर्रहमानिर्रहीम
देश के भविष्य के क्षितिज पर आशावादी निगाहें सदैव आप पर आशावादी निगाहों के साथ हैं और यह दोनों एक दूसरे के साथ जुड़ी हुई हैं। आप ईरानी राष्ट्र की नई कलियों और महान निवेश है। अपने स्थान, इज्जत और पद को तरह पहचानें और भविष्य में अपने रोल को गंभीरता और गारंटी के साथ सुनिश्चित करें। चिंतन, सोंच, ज्ञान, इल्म, दीनदारी और पाकदामनी (पवित्रता) भविष्य में छात्रों और जवानों के लिए सबसे महत्वपूर्ण और वास्तविक तत्वों में से है।
आपको सलाम और आपके लिए दुआ करता हूँ
सैय्यद अली ख़ामेनई
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