वह गुण जो ईश्वर में पाए जाते हैं

सिफ़ाते सुबूतिया

सिफ़ाते खु़दा की दो क़िस्में हैं: सिफ़ाते सुबूतिया और सिफ़ात सल्बिया। इस लेख में हम सिफ़ाते सुबूतिया के बारे में पढ़ेगें। सिफ़ाते सुबूतिया उन सिफ़तों को कहते हैं जो ख़ुदा में पाई जाती हैं और वह आठ हैं:

ख़ुदा अज़ली व अबदी है: अज़ली है यानी उसका कोई आरम्भ नही है बल्कि हमेशा से है और अबदी है यानी उसक कोई अंत नही है बल्कि वह हमेशा रहेगा और कभी समाप्त नही होगा।

ख़ुदा क़ादिर व मुख़्तार है: ख़ुदा क़ादिर है यानी हर चीज़ पर क़ुदरत और शक्ति रखता है और वह मुख़्तार है यानी अपने कामों को अपने इरादे और इख्तियार से अंजाम देता है और कोई उसे मजबूर नही कर सकता।

ख़ुदा आलिम है: ख़ुदा वंदे आलम तमाम चीज़ों के बारे में पूर्णता जानता है और वह हर चीज़ की जानकारी रखता है, जिस तरह वह किसी चीज़ के अस्तित्व में आने के बाद उसे जानता है उसी तरह अस्तित्व में आने से पहले जानता है।

ख़ुदा मुदरिक है: यानी वह हर चीज़ को समझता है, वह कान नही रखता लेकिन तमाम बातों को सुनता है, आँख नही रखता लेकिन तमाम चीज़ों को देखता है।

ख़ुदा हई है: यानी वह जीवन रखता है और ज़िन्दा है।

ख़ुदा मुरीद है: यानी वह कामों की मसलहत को जानता है वह वही काम अंजाम देता है जिस में मसलहत हो और कोई भी काम अपने इरादे और मसलहत के बग़ैर अंजाम नही देता।

ख़ुदा मुतकल्लिम है: यानी वह कलाम (बात) करता है लेकिन ज़बान से नही बल्कि दूसरी चीज़ों में बोलने की शक्ति पैदा कर देता है और फ़रिश्तों या अपने वलियों से बात करता है। जैसा कि उस ने पेड़ में बोलने की शक्ति पैदा की और हज़रत मूसा (अ) से बात की, इसी तरह वह आसमान को बोलने की ताक़त देता है तो फ़रिश्ते सुनते हैं और वही (ईश्वरीय संदेश) लेकर नाज़िल होते हैं।

ख़ुदा सादिक़ है: यानी वह सच्चा है और झूठ नही बोलता। इसलिए कि झूठ बोलना अक़्ल की नज़र से एक बुरा काम है और ख़ुदा बुरा काम अंजाम नही देता।

तमाम सिफ़ाते सुबूतिया की मज़बूत और मोहकम दलीलें बड़ी किताबों में मौजूद हैं जिन से यह मालूम होता है कि अल्लाह तआला क्यों अज़ली, अबदी, क़ादिर व मुख़्तार, आलिम, मुदरिक, हई, मुरीद, मुतकल्लिम और सादिक़ है।

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सारांश

-          सिफ़ाते ख़ुदा की दो क़िस्में हैं:

1. सिफ़ाते सुबूतिया 2. सिफ़ाते सल्बिया

-          सिफ़ाते सुबूतिया उन सिफ़ात को कहते हैं जो ख़ुदा में पाई जाती हैं और वह सिफ़ात आठ हैं:

1.      अज़ली व अबदी

2.      क़ादिर व मुख़्तार

3.      आलिम

4.      मुदरिक

5.      हई

6.      मुरीद

7.      मुतकल्लिम

8.      सादिक़

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