बहरैन में जनता आले ख़लीफ़ा सरकार के विरुद्ध फिर उतरी सड़कों पर
बहरैन में प्रदर्शनकर्ताओं ने एक बार फिर सड़कों पर निकल कर शाही सरकार का विरोध किया और अपनी लोकतांत्रिक मांगें दोहराईं।
सोमवार को मक़शा, करबाबाद, और मआमीर जैसे अनेक क्षेत्रों में प्रदर्शन हुए और जनता ने तानाशाही सरकार के विरुद्ध नारेबाज़ी की। प्रदर्शनकारियों के हाथों में उन शहीदों की तसवीरें थीं जो सुरक्षा बलों के हमलों में या जेलों के भीतर दी जाने वाली यातनाओं के कारण हताहत हुए हैं।
ज्ञात रहे कि गत शुक्रवार को भी 27 वर्षीय अबुल अज़ीज़ अलअब्बार की 55 दिनों के कोमा के बाद मौत हो गई थी। उन्होंने सुरक्षा बलों के हमले में घायल होने के बाद अस्पताल में भार्ती कराया गया था। अबुल अज़ीज़ अलअब्बार राजधानी मनामा के पश्चिम में स्थित सआर क्षेत्र में सुरक्षा बलों हाथों शहीद हो जाने वाले एक प्रदर्शनकारी के अंतिम संस्कार में भाग लेने के लिए गए थे कि सुरक्षा बलों ने एक बार फिर हमला कर दिया जिसमें वह घायल हो गए।
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