माँ बाप के साथ नेकी ने बनाया मालामाल!

माँ बाप के साथ नेकी ने बनाया मालामाल!

सैय्यद ताजदार हुसैन ज़ैदी

तफ़्सीर में है कि बनी इस्राईल में एक जवान था, बहुत ही नेक और अच्छे स्वभाव का, वह अपने माता पिता का बहुत सम्मान करता था, और कभी भी उनकी बात नहीं टालता था, हमेशा उनकी बात मानता और बिना उनके कहे कोई काम नही करता था, और सदैव प्रयत्न करता रहता था कि माँ बाप को किसी प्रकार की कोई परेशानी न हो।

एक दिन एक वह जवान एक चीज़ ख़रीद कर घर पहुंचा ताकि बेचने वाले को उसका पैसा दे दे, लेकिन उसने देखा कि पैसे की अलमारी की चाभी पिता की जेब में है और वह अपने कपड़ों का तकिया बनाकर सो रहा है।

उस जवान को यह ठीक नहीं लगा कि चाभी लेने के लिए अपने पिता को जगाए और फिर पैसा दे।

वह जवान कई घंटे तक पिता के बिस्तर के पास बैठा रहा और प्रतीक्षा करता रहा कि पिता जाए जाए और वह चाभी ले ले, लेकिन पिता चूँकि बहुत थके हुए थे इसलिए उनकी नींद न टूटी।

और चूंकि उस बेचने वाले के पास अब और टाइम नहीं बचा था और वह अपने घर वापस जाना चाहता था, इसलिए उस जवान ने पिता को जगाए बिना ही वह चीज़ उस बेचने वाले को वापस कर दी।

जब पिता की नींद टूटी तो उसने अपने बेटे से पूछा बेटाः आज क्या सौदा किया और कितना लाभ हुआ?

उसने पूरी कहानी अपने पिता को बताई और कहा कि अगर चाभी आप के सर के नीचे न होती तो मैं उस चीज़ को ख़रीद कर बहुत लाभ कमा सकता था।

पिता ने जब यह सुना तो अपने बेटे के कार्य से बहुत प्रसन्न हुआ और कहने लगाः आज तुम्हारे हाथों से जो सौदा निकल गया है उसके बदले में मैं तुमको अपनी गाय भेंट करता हूँ और आशा करता हूँ कि भविष्य में इस घाटे की पूर्ति हो जाए।

कुछ समय बीत गया, उसके पिता की मृत्यु हो गई।

एक दिन बनी इस्राईल में एक व्यक्ति का क़त्ल हो गया, शिकायत हज़रत मूसा (अ) के पास पहुंची, सबने कहा कि आप बताएं कि क़ातिल कौन है।

हज़रत मूसा (अ) ने (बनी इस्राईल की बहाने बाज़ियों के बाद) कहा कि अगर चाहते हो कि क़ातिल का पता लग जाए तो जाओ एक ऐसी गाय लेकर आप जिनमें यह विशेषताएं पाई जाती हो (1) उसके बाद उस गाय को ज़िब्ह करो और उसकी दुम को मरने वाले पर मारे ताकि वह जीवित हो कर अपने क़ातिल के बारे में बताए।

गाय की जो विशेषताएं हज़रत मूसा (अ) ने बताई थीं वह केवल उसी गाय में थीं जो इस जवान के पास थी (जिसे उसके पिता ने उसे भेट किया था) बनी इस्राईल जब इस गाय को ख़रीदने के लिए इस जवान के पास पहुंचे तो वह जवान मशविरा करने के लिए अपनी माँ के पास आया।

माँ ने कहाः बनी इस्राईल से कह दो कि इस गाय की क़ीमत यह है कि इसकी खाल को उतार कर इसकी खाल में जितना सोना आए उतना दें।

बनी इस्राईल ने विवश हो कर उनकी बात को स्वीकार कर लिया और उनके पास जितना भी सोना था उनकों ने एकत्र किया और गाय की खाल में भर कर उसे दे दिया। (2)

इस जवान को जो यह माल मिला था वह उस नेकी का बदला था जो उनसे अपने माता पिता के साथ की थी और जैसा कि क़ुरआन का सबसे बड़ा सूरा भी इसी गाय के नाम से है और उसमें इसी कहानी की तरफ़ इशारा किया गया है। (3)

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(1) इस गाय की विशेषताओं के बारे में सूरा बक़रा की आयत  67 से 73 तक में बताया गया है और इस कहानी और बनी इस्राईल की बहाने बाजि़यों का बखान किया गया हैः अनुवादक

(2) तफ़्सीरे मजमउल बयान जिल्द 1 पेज 173, तफ़्सीरे बुरहान जिल्द 1, पेज 111 हदीस 3

(3) मकाफ़ाते अमल पेज 250- 251

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