रात में इबादत के फ़ायदे

रात में इबादत के फ़ायदे

ख़िसाल में हज़रत अली अलैहिस्सलाम से रिवायत है किः

रात के अंतिम पहर में जागना सेहत, ईश्वर की प्रसन्नता और उसके करम का कारण बनता है और इसके अतिरिक्त रात में जागना नबियों के अचरण में से है।

सोते और जागते समय की दुआ

अलकाफ़ी में हज़रत इमाम जाफ़र सादिक़ अलैहिस्सलाम से रिवायत हैः

पैग़म्बरे इस्लाम (स) जब अपने बिस्तर पर जाते थे तो यह दुआ पढ़ा करते थेः

اللهم باسمک احیا و باسمک اموت

(अल्लाहुम्मा बिस्मेका अहया व बिस्मेका अमूतो)

हे ईश्वर तेरे नाम से जीवित रहता हूँ और तेरे ही नाम से मरूंगा।

और जब आप सो कर उठते थे तो यह दुआ पढ़ते थेः

الحمد لله الذی احیانی بعد ما اماتنی و الیه النشور

धन्यवाद है उस ईश्वर का जिसने मुझे मौत के बाद जीवित किया और उसकी की बारगाह में जाना है।

(सोननुन नबी पेज 133)

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