400 साल पुराने ऐतिहासिक शिया गाँव के विध्वंस पर संयुक्त राष्ट्र की सऊदी अरब को चेतावनी
अलमसूरा मुहल्ला, पूर्वी सऊदी अरब के क़तीफ़ प्रांत के अवामिया क्षेत्र में स्थित है और सऊदी अरब इस क्षेत्र के विकास के कार्यक्रम के बहाने इस शिया बाहुल्य मुहल्ले को तोड़ना चाहता है। राष्ट्र संघ के विशेषज्ञों ने सचेत किया है कि अगर इस मुहल्ले को तोड़ा गया तो यहां के एेतिहासिक व सांस्कृतिक अवशेषों को एेसा नुक़सान पहुंचेगा जिसकी भरपाई संभव नहीं होगी। उनका कहना है कि इस कार्यक्रम से क्षेत्र के दो से तीन हज़ार लोगों को अपने घर-बार और कार्य स्थल को छोड़ कर जाना होगा। अलमसूरा पूर्वी सऊदी अरब में एक बड़ा पुराना मुहल्ला है जिसमें मस्जिदें, इमामबाड़े, खेत, बाज़ार और व्यापारिक केंद्र मौजूद हैं और पुरातन अवशेषों में रुचि रखने वाले लोग यहां पर बड़ी संख्या में आते हैं।
सांस्कृतिक अधिकारों के मामलों में संयुक्त राष्ट्र संघ की विशेष रिपोर्टर करीमा बनून ने कहा कि यह क्षेत्र न केवल कि यहां के वासियों और अवामिया के सभी लोगों के लिए अहम है बल्कि यह सऊदी अरब की सांस्कृतिक और एेतिहासिक धरोहर भी है। उन्होंने कहा कि विध्वंस का यह कार्यक्रम, क्षेत्र की बेजोड़ धरोहर को एेसा नुक़सान पहुंचा सकता है जिसकी क्षतिपूर्ति संभव नहीं होगी।
भारी दरिद्रता के मामलों में संयुक्त राष्ट्र संघ के विशेष रिपोर्टर फ़िलिप एलस्टोन ने भी इस मुहल्ले को तोड़ने से अलमसूरा के लोगों के जीवन पर पड़ने वाले नकारात्मक असर की ओर संकेत करते हुए सचेत किया है कि अगर विध्वंस के इस कार्यक्रम को लागू किया गया यहां के लोग अपना घर-बार और कार्य स्थल छोड़ने पर मजबूर हो जाएंगे और इसके परिणाम स्वरूप उनके रोज़गार और आवास की स्थिति जटिल हो जाएगी। इन विशेषज्ञों ने एक बयान में सचेत किया है कि सऊदी अरब को अंतर्राष्ट्रीय क़ानूनों और मानवाधिकारों के मानकों के अनुसार इस क्षेत्र के लोगों के क़ानूनी अधिकारों की रक्षा के लिए सभी आवश्यक उपाय करने चाहिए।
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