सीरिया में कैमिकल हमले की सच्चाई

सीरिया के उप विदेशमंत्री ने मंगलवार को इदलिब में रासायनिक हमलों के अपराधियों को गिरफ़्तार किए जाने की मांग करते हुए कहा कि सीरिया की सेना ने आतंकवादियों के विरुद्ध युद्धय में एक बार फिर रासायनिक हथियारों का प्रयोग नहीं किया है।

 

फ़ैसल मेक़दाद ने कहा कि सीरिया की सरकार रासायनिक निरस्त्रीकरण संस्था के साथ किए गये अपने वचनों पर कटिबद्ध है और उसने इस संबंध में अपने वचनों का पूरी तरह पालन किया है। रासायनिक निरस्त्रीकरण की संस्था ने इसी सीरिया सरकार की प्रतिबद्धताओं की पुष्टि की है।

फ़ैसल मेक़दाद ने कहा कि हलब, दमिश्क़, हमा तथा अन्य क्षेत्रों में सीरिया की सेना की सफलताओं को रोकने के लिए आतंकवादियों और उनके समर्थकों ने इदलिब में रासायनिक हमला किया है। उनका कहना था कि विश्व समुदाय को चाहिए कि इस अपराध में लिप्त लोगों को पहचाने और उनको तुरंत गिरफ़्तार करे।

सीरिया के उप विदेशमंत्री ने यह बयान  करते हुए कि पिछले कुछ सप्ताह पहले ही नुस्रा फ़्रंट की रासायनिक हथियारों की एक खेप सीरिया पहुंची है, कहा कि सीरिया की सरकार ने नुस्रा फ़्रंट की इस खेप के बारे में सूचना रासायनिक निरस्त्रीकरण की संस्था के हवाले कर दी थी।

सीरिया सरकार के विरोधियों और आतंकवादियों से संबंधित मीडिया ने मंगलवार को दावा किया कि इदलिब प्रांत के ख़ान शैख़ून शहर पर कई युद्धक विमानों ने सरीन गैस से मिलते जुलते पदार्थों से युक्त मीज़ाइलों से हमला किया।

सीरिया की सेना ने विरोधियों के इन दावों का खंडन करते हुए आतंकियों को रासायनिक हमले का ज़िम्मेदार ठहराया है। कहा जाता है कि दाइश के आतंकी सीरिया की सेना की प्रगति को रोकने तथा लोगों में भय पैदा करने के लिए रायानिक बमों का प्रयोग करते हैं ताकि उन्हें अपनी मांगों के सामने झुका सकें।

यह ऐसी स्थिति में है कि तुर्की, सऊदी अरब, क़तर जैसे आतंकवादियों के समर्थक देश और कुछ पश्चिमी सरकारें इन आतंकियों का समर्थन रोकने को तैयार नहीं हैं और व्यवहारिक रूप से वह आतंकियों को रासायनिक हथियारों तक पहुंच बनाने में सरलता प्रदान करते हैं।

नई टिप्पणी जोड़ें