मलेशिया के लापता यात्री विमान का रहस्य


चीन का कहना है कि उसने अपने भूभाग में मलेशिया एयरलाइंस के लापता विमान की खोज शुरू की है जबकि ऑस्ट्रेलिया ने विमान की खोज के लिए दक्षिणी हिस्से पर ध्यान केंद्रित किया है। विमान 8 मार्च को उड़ान भरने के दो घंटे के भीतर ही लापता हो गया था और अब तक उसका पता नहीं चला है। विमान पर चालक दल के सदस्यों समेत 239 लोग सवार थे।

चीन ने कहा है कि विमान पर सवार चीनी यात्रियों से संबंधित ऐसे कोई प्रमाण नहीं मिलते हैं जिससे विमान लापता होने में किसी 'आतंकी गतिविधि' का पता चलता हो। कुआलालंपुर से बीजिंग के लिए उड़ान भरने वाले इस विमान पर 153 चीन यात्री सवार थे। विमान को खोजने के प्रयास में 26 देश शामिल हैं।

मलेशिया का कहना है कि विमान को जानबूझ कर मोड़ा गया था और संभव है कि उसकी तत्कालीन स्थिति से उसे उत्तरी या फिर दक्षिणी दिशा में ले जाया गया हो। इसे दो मुख्य वायुक्षेत्रों में खोजा जा रहा है जिनमें से एक कजाकस्तान और तुर्कमेनिस्तान की सीमा से लेकर उत्तरी थाईलैंड तक है तो दूसरा इंडोनेशिया से लेकर हिंद महासागर की तरफ है।

मलेशियाई अधिकारियों का मानना है कि लापता विमान से ग्राउंड कंट्रोलर को जो आख़िरी शब्द सुनाई दिए थे वो सह-पायलट के थे।

विमान से आख़िरी बार संदेश मिला था कि 'सब ठीक है। शुभ रात्रि', लेकिन इसके क़रीब 14 मिनट बाद ही विमान एयर ट्रैफिक कंट्रोलर की स्क्रीन से ओझल हो गया।

हालांकि अभी ये साफ नहीं है कि ये आख़िरी शब्द विमान की निगरानी प्रणाली को बंद करने के पहले सुनाई दिए थे या बाद में। अधिकारियों का मानना है कि विमान की संवाद प्रणाली को जानबूझकर बंद कर दिया गया था।

मलेशियाई प्रधानमंत्री नजीब रज़ाक ने शनिवार को कहा था कि उपग्रह और रडार से मिले सबूत बताते हैं कि विमान ने रास्ता बदल लिया था और यह क़रीब सात घंटों तक उड़ता रहा।

विमान ने आठ मार्च को स्थानीय समय के मुताबिक़ रात 12 बजकर 40 मिनट पर क्लिक करें उड़ान भरी और रात एक बजकर 19 मिनट पर मलेशियाई हवाई क्षेत्र को पार करते ही ये एयर ट्रैफिक कंट्रोलर के नियंत्रण से बाहर चल गया।

अहमद जौहरी ने कहा, "हमें नहीं पता है कि इसके बाद कब विमान की संचार प्रणाली बंद हो गई।" एयर ट्रैफिक कंट्रोलर की स्क्रीन से रात एक बजकर 21 मिनट पर विमान ओझल हो गया। इस समय विमान दक्षिणी चीन सागर के ऊपर था।

मलेशियाई प्रधानमंत्री नजीब रज़ाक ने शनिवार को कहा था कि उपग्रह और रडार से मिले सबूत बताते हैं कि विमान ने रास्ता बदल लिया था और यह क़रीब सात घंटों तक उड़ता रहा।

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