समाजिक समस्याओं का बेहतरीन हल

समाजिक समस्याओं का बेहतरीन हल

इस सिलसिले में हम आपके सामने पैग़म्बरे इस्लाम (स) का कथन बयान कर रहे हैं कि आप फ़रमाते हैं

अनुवाद : जब कभी अंधेरी रात की भाति  फ़ितने तुम्हें घेर लें तो क़ुरआन का दामन थामना।

इस आधार पर  घबराहट, परेशान, समस्याएं, अव्यवस्थाएं आदि जब कभी तुम्हारे समाज पर काली रात की भाति साया डाल दें तो इन के हल के लिये कहीं और न जाना बल्कि क़ुरआन की तरफ़ देखना और इसकी निजात बख्श राहनुमाई को मेआर व कसौटी क़रार देना।

 

क़ुरआन के उम्मीद बख्श फ़रामीन मुश्किलात पर क़ाबू पाने और दिलों में ख़ुशबख़्ती व सआदत की उम्मीद को ज़िन्दा करते हैं। अलबत्ता यह वाज़ेह है कि हर कामयाबी के पीछे इन्सान की कोशिश और जिद्दो जहद का बुनियादी किरदार है। पस अगर हम चाहते हैं कि अपनी आज़ादी और इस्तक़्लाल की हिफ़ाज़त करें और ख़ुदाए ज़ुल जलाल के साया ए रहमत व पनाह में हर साज़िश से महफ़ूज़ रहें तो चारा ही नही कि अपने खालिक़ और क़ुरआने करीम के निजात बख्श अहकाम की तरफ़ लौट जाएँ इस सिलसिले में आज तक जिस नाशुक्री और बे ऐहतेरामी के मुरतकिब हुए हैं इस पर तवज्जो व निदामत की राह लें।

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