इमाम मेहदी का अक़ीदा दूसरे धर्मों में

इमाम मेहदी का अक़ीदा दूसरे धर्मों में

सैय्यद ताजदार हुसैन ज़ैदी

महदवीयत या इमाम ज़माना का अक़ीदा एक ऐसा अक़ीदा है जो मुसलमानों या शियों से मख़सूस नहीं है, बल्कि इस संसार के सभी या अधिकतर धर्मों में यह विश्वास पाया जाता है और वह किसी न किसी सूरत में मौऊद, सुधारक या संसार को बचाने वाले पर विश्वास रखते हैं।

यह वही बात है जिसको हम मफ़ातीहुल जनान में पढ़ते हैं जिसमें कहा गया है सलाम हो उस मेहदी पर जिसके बारे में ईश्वर ने सारी उम्मतों को वादा दिया है कि उसके माध्यम से विचारों और बातों को एकमत कर देगा और परेशानियों को दूर कर देगा और धरती को न्याय से भर देगा

(मफ़ातीहुल जनान, ज़ियारते इमाम ज़माना, पेज 701)

विभिन्न क़ौमें और धर्म अन्तिम ज़माने में एक नजाते देने वाले और अन्तिम सुधारक के अक़ीदे पर एकमत हैं और हर धर्म एवं संस्कृति ने अपने हिसाब से उसके लिए एक नाम रखा है, अगरचे यह मुनजी और सुधारक कौन होगा, कैसे प्रकट होगा और प्रकट होने के बाद क्या करेगा आदि में विरोध पाया जाता है, लेकिन कोई आएगा जो इस संसार को बचाएगा इस बात पर सभी एकमत हैं।

लेकिन दूसरे धर्मों के इस अक़ीदे और शियों को इस अक़ीदे में बहुत अधिक भिन्नता पाई जाती है, जब शिया धर्म में मेहदी मौऊद की बात होती है तो उसका अर्थ यह होता है कि वह किसी विशेष सम्प्रदाय के लिए नहीं है, बल्कि उनका उठना और उनका निमंत्रण सारे संसार के लिए है वह इन्सानिय के बचाने के लिए प्रकट होंगे ना कि किसी विशेष सम्प्रदाय या क़ौम के लिए।

जब्कि इसके उलट यहूदियों का विश्वास यह है कि यह सुधारक यहूदियों को परेशानियों पर मुसीबतों से बचाने के लिए आएगा।

इन्जीले लूक़ा

तो तुम भी तैयार रहो, क्योंकि उस घड़ी में जब तुम सोच भी नहीं सकते इन्सान का बेटा आएगा

(इन्जीले लूक़ा, बाब 12, संख्या 40)

भयानक भूकंप और सूखा पड़ेगा और ख़ौफ़नाक चीज़ें एवं बड़ी बड़ी निशानियां आसमान से प्रकट हो गईं... और डर लोगों के दिल कमज़ोर कर देगा, और रहने वालों पर घटने वाली उस घटना की प्रतीक्षा, और तब इन्सान के बेटे को देखोंगे कि वह बादल पर सवार होकर बहुत शक्ति और जलाल के साथ आएगा।

(इन्जीले लूक़ा बाब 21)

 

ज़ोबूरे दाऊद

... भ्रष्टों के लिए थोड़ा समय होगा, लेकिन हलीम लोग ज़मीन के वारिस होंगे और सलामती की अधिकता से मज़ा लेगें...नेक लोग ज़मीन के वारिस होंगे और उसमें सदैव रहेंगे और बुरों का अंत समाप्त हो जाना होगा

(ज़बूर दाऊद मज़मूर 67)

ज़रतुश्तियों की धार्मिक पुस्तक

जामास्त अपने उस्ताद ज़रतुश्त के कथानुसार सूचना देता हैः सूशानिस (दुनिया को बचाने वाला) के प्रकट होने से पहले वादों का तोड़ा जाना, झूठ, अधर्म संसार में फैल जाएगा, और लोग ईश्वर से दूर हो जाएगें, अत्याचर एवं फ़साद में सामने आ जाएगा। और यह चीज़ें संसार की काया पलट देंगी, बचाने वाले के ज़ोहूर की प्रष्टभूमी तैयार करेंगी।

(किताबे मौऊद किताबे ज़ंद व हूमन के हवाले से, यासीन पेज 25)

हिन्दुओं की धार्मिक किताब में

दुनिया के ख़राब हो जाने के बाद, आख़िरी ज़माने में एक बादशाह पैदा होगा जो पूरी दुनिया के लोगों का रहबर होगा, उसका नाम मनसूर होगा, वह पूरी दुनिया पर हुकूमत करेगा और सबको अपने दीन में शामिल कर लेगा और मोमिन एवं काफ़िर में से हर एक को पहचानेगा...

(वेद)

दुनिया का अंत उस न्यायप्रिय बादशाह पर होगा जो फ़रिश्तों, परियों और आदमियों का रहबर होगा और न्याय एवं सच उसके सात होगा।

(वेद)

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