इस्राईल में हिज़्बुल्लाह से दोबारा टकराने की हिम्मत नहीं है
संसद सभापति डाक्टर अली लारीजानी ने कहा है कि यह संभव नहीं है कि ज़ायोनी शासन, लेबनान के हिज़्बुल्लाह संगठन के विरुद्ध अतीत की ग़लतियों को दोहराए और लेबनान के विरुद्ध नया मोर्चा खोले।
उन्होंने लेबनान के अलमयादीन टीवी चैनल को दिए गए साक्षात्कार में इस बात का उल्लेख करते हुए कि हिज़्बुल्लाह के पास लेबनान की रक्षा के लिए काफ़ी अनुभव, क्षमता व शक्ति है, बल दिया कि ज़ायोनी शासन का लक्ष्य, क्षेत्रीय देशों की शांति व सुरक्षा को भंग करना है और इस्लामी देशों का दायित्व है कि वे क्षेत्र में शांति स्थापित करें।
डाक्टर अली लारीजानी ने ईरान और सऊदी अरब के संबंधों के बारे में कहा कि ईरान को सऊदी अरब से मतभेद के कोई कारण दिखाई नहीं देता बल्कि दोनों देशों के मध्य केवल व्यवहार और दृष्टिकोंणों में मतभेद पाया जाता है।
संसद सभापति ने इस बात की ओर संकेत करते हुए कि ईरान ने अमरीका द्वारा इराक़ के अतिग्रहण के बाद इस देश में सांप्रदायिक हिंसा की आग को बुझाने का बहुत प्रयास किया, कहा कि तेहरान का मानना है कि बहरैन और सीरिया दोनों स्थानों पर विदेशी हस्तक्षेप बहुत बड़ी ग़लती है।
डाक्टर अली लारीजानी ने यह बयान करते हुए कि सीरिया को ईरान की सैन्य सहायता की आवश्यकता नहीं है, कहा कि सीरिया के आंतरिक मामलों में इस्राईली हस्तक्षेप की स्थिति में उसके मुक़ाबले के लिए इस देश के पास पर्याप्त क्षमता है।
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