9/11 और मीडिया का रोल

9/11 और मीडिया का रोल

अमरीका की राष्ट्रीय सुरक्षा संस्था के पूर्व कर्मचारी एडवर्ड स्नोडन ने कि जिन्होंने कुछ महीने पूर्व इस संस्था के जासूसी कार्यक्रम का भांडा फोड़ा है, अपने ताज़ा साक्षात्कार में कहा हैः 11 सितंबर 2001 की घटना के बाद से अमरीका के बहुत से महत्वपूर्ण संचार माध्यम अमरीकी सरकार की अतिवादी नीतियों को चुनौती देने में अपनी प्रभावी भूमिका से पीछे हट गए हैं। एडवर्ड स्नोडन ने इस साक्षात्कार में कहाः अब 2013 है और एक पत्रकार को अमरीकी सरकार के हाथ में सत्ता के केन्द्रित होने और इसके प्रयोग में अतिवाद से काम लेने से संबंधित निरंतर रिपोर्ट बनानी होगी। मुझे संचार माध्यमों पर आश्चर्य हो रहा है कि वह अमरीकी जनता की निजता को नियंत्रित करने और इससे संबंधित सूचनाओं के रहस्योद्घाटन के बारे में कुछ नहीं कह रहे हैं और केवल राष्ट्रवाद और देशभक्ति की बात कर रहे हैं।

11 सितंबर की घटना और इसके परिणाम, अमरीकी जनता के मन में एक महत्वपूर्ण ऐतिहासिक दिन के रूप में बैठ गए हैं और यह बात विश्वास से कही जा सकती है कि इसका कारण इस देश में मीडिया और मनोरंजन उद्योग के कार्यक्रम हैं। ऐसे संचार माध्यम जो गत बारह वर्षों से इस भय से कि कहीं उन पर देशद्रोह का ठप्पा न लग जाए अपना पूरा प्रयास अमरीकी सरकार की युद्धोन्मादी नीतियों के प्रचार में लगा दिया है।

इस समय लगभग हर व्यक्ति ने यह वाक्य अवश्य सुना या देखा होगा कि 11 सितंबर 2001 अमरीका सहित विश्व के इतिहास में निर्णायक दिन था जिसने इतिहास के धारे को बदल दिया है। उदाहरण स्वरूप ‘विगत के राज़’ शीर्षक नामक अमरीका की एक डॉक्यूमेंट्री फ़िल्म में 11 सितंबर की घटना को अमरीका महाद्वीप की खोज और द्वितीय विश्व युद्ध जैसी महत्वूर्ण घटना की संज्ञा दी गयी है। ऐसे व्यापक प्रचार के कारण विगत की त्रासदियां और गृह युद्ध या द्वितीय विश्व युद्ध जैसी घटनाएं इस देश में साहित्यिक व कला संबंधी रचनाओं के लिए प्रेरणा का स्रोत नहीं रह गयीं क्योंकि इस समय साहित्यिक व कलात्मक रचनाएं यहां तक कि क्पंयूटर गेम जैसे मनोरंजन के माध्यम भी 11 सितंबर की घटना और उसके परिणाम और इसी प्रकार इस घटना के बहाने विश्व के बहुत से देशों में अमरीका के सैन्य हमले के समर्थन पर केन्द्रित हो गए हैं।

11 सितबर 2001 को जब पूरे विश्व के टीवी चैनल न्यूयार्क की वर्ल्ड ट्रेड सेंटर की जुड़वा इमारतों के गिरने की भयानक घटना को प्रसारित कर रहे थे, पत्रकार थोड़े थोड़े अंतराल पर दर्शकों के ध्यान को इस ओर आकर्षित करने का प्रयास कर रहे थे कि ये चित्र कोई फ़िल्मी चित्र नहीं बल्कि उसी दिन घटित घटना के वास्तविक चित्र हैं। वास्तव में इस सावधानी की एक सीमा तक ज़रूरत थी क्योंकि अमरीकी और ग़ैर अमरीकी दर्शकों के लिए कि जो हॉलिवुड की बहुत सी फ़िल्में देख चुके थे, 11 सिंतबर की घटना के चित्र हॉलिवुड की फ़िल्मों के दृष्य से बहुत समानता रखते थे। आग में जलती गगनचुंबी इमारतों और उसके आस पास मौजूद लोगों के चित्र बहुत ही भयानक दृष्य पेश कर रहे थे।

अमरीका के साहित्यिक मंच पर कुछ वर्षों के भीतर 11 सिंतबर की घटना से प्रभावित रचनाएं सामने आयीं और इस समय इस संदर्भ में 100 से अधिक कहानियां लिखी जा चुकी हैं जिनमें प्रत्यक्ष या अप्रत्यक्ष रूप से 11 सितंबर की घटना का उल्लेख किया गया है। इन रचनाओं में 11 सितंबर की घटना की भेंट चढ़ने वालों या इस घटना से पहले उनके जीवन या आतंकवादियों के विचारों को प्रतिबिंबित किया गया है। उदाहरण स्वरूप इन रचनाओं के लेखक मीडिया की काल्पनिक समीक्षाओं के प्रभाव में भयानक अजनबी चेहरों को अमरीका के पुराने शत्रु दर्शाते हैं और 11 सितंबर को आतंकवादियों की गतिविधियों का अंत नहीं मानते और पाठकों को निरंतर इस बात की चेतावनी देते हैं कि आतंकवादी उनकी घात लगाए बैठे हैं।

बहुत से लोग अमरीकी मीडिया द्वारा किए जा रहे प्रचार के प्रभाव में यह मानने लगे हैं कि वर्तमान काल आतंकवाद के विरुद्ध युद्ध का काल है और अमरीका में आतंकवाद की प्रतीक 11 सितंबर की घटना है। इसलिए अमरीकी सिनेमा बुरे व निर्दयी लोगों के रूप में रूसियों को दर्शाने के बजाए जैसा कि वह पहले किया करता था, मुसलमानों और अरबों को निर्दयी दर्शा रहा है ताकि दर्शक के मन में इस्लाम से घृणा डाल सके।

रिलक्टेन्ट फ़न्डामेन्टलिस्ट नामक किताब में विदित रूप से 11 सितंबर की घटना के बारे में अनेक मुसलमानों की भावनाओं पर चर्चा की गयी है किन्तु इसकी आड़ में इस्लाम पर आरोप लगाया गया है। इसी प्रकार जॉन अपडाइक के टेररिस्ट नामक उपन्यास में इस बात को दर्शाने का प्रयास किया गया है कि पश्चिम में आतंकवाद की जड़ एक अमरीकी मुसलमान युवक है जो इस्लामी भावनाओं और अमरीकी जीवन शैली के बीच भटक रहा है।

इस बात का उल्लेख भी ज़रूरी लगता है कि कुछ किताबों में 11 सितंबर की घटना के परिणाम पर ध्यान दिया गया है और इन किताबों में इस घटना के बाद के जीवन को इस घटना से पहले के जीवन से भिन्न बताया गया है। इन किताबों में पाठक को यह समझाने की कोशिश की गयी है कि इस प्रकार की घटना की पुनरावृत्ति की स्थिति में अमरीकी जनता की आर्थिक व सामाजिक स्थिति पर गहरा आघात पड़ेगा इसलिए इसकी पुनरावृत्ति को हर हाल में रोका जाए।                

अमरीकी मीडिया के प्रचार, किताबों और लेखों के बाद अमरीका के कंप्यूटर गेम की बारी है जिसमें 11 सितंबर की घटना पर चर्चा की गयी है। 2002 के बाद अमरीका में कंप्यूटर गेम उद्योग ने आतंकवाद से संघर्ष और इससे संबंधित कहानियों में पहले से अधिक रूचि दर्शायी है। इस सदंर्भ में अमरीका में बड़ी मात्रा में कंप्यूटर गेम तय्यार किए गए हैं। इसके अतिरिक्त डेल्टा फ़ोर्स, घोस्ट रीकन, प्लिंटर सेल और रेनबो सिक्स नामक सीरियलों में भी आतंकवाद के विषय पर चर्चा की गयी है। इस पीढ़ी के कंप्यूटर गेमों की मुख्य विशेषता यह है कि इनमें पिछली पीढ़ी के नायक प्रधान खेलों के विपरीत, अफ़ग़ानिस्तान, इराक़ और मध्यपूर्व या अफ़्रीक़ा और केन्द्रीय अमरीका के देशों में आतंकवाद से संघर्ष के विभिन्न मैदानों में अमरीकी सैनिकों के त्याग, बलिदान और वीरता को प्रदर्शित किया गया है।

इस प्रकार के कंप्यूटर गेम में प्रायः मुख्य पात्र को/ कुछ साथी सैनिकों के साथ दिखाया जाता है जिन्हें अमरीकी सरकार के दृष्टिगत मूल्यों के प्रसार के लिए विभिन्न देशों में भेजा जाता है। कठिन अभियान में उनकी संख्या शत्रु से कम दिखाई जाती है जो आतंकवादियों का जनसंहार कर सदैव विजयी रहते हैं।

इन गेमों के निर्माण में उस समय तेज़ी आयी जब पश्चिमी राजनेताओं व कूटनीतिज्ञों ने आतंकवाद से संघर्ष का विषय पेश किया और उन्हें आम लोगों को अपने साथ मिलाने की ज़रूरत थी। इसलिए इस प्रकार के गेम के निर्माण को मध्यपूर्व के देशों पर सैनिक हमले के लिए जनमत को तय्यार करने की योजना का भाग कहा जा सकता है। इस प्रकार के अधिकांश कंप्यूटर गेमों में झड़प वाले क्षेत्रों के चित्र और दृष्टिगत देश के स्थान के सही नामों के उल्लेख द्वारा सरकारी सामाचारिक चैनलों में प्रसारित समाचारों को ठोस दर्शाने की कोशिश की जाती है और इस प्रकार सरकारी चैनलों की सहायता की जाती है।

अलबत्ता न्यूयॉर्क बम ग्रुप नामक कंप्यूटर गेम में भी 11 सितंबर की घटना के दौरान सक्रिय लोगों को नायक दर्शाने का प्रयास किया गया है ताकि उन्हें लोग भुला न सकें। इस गेम में न्यूयॉर्क बम निरोधक नामक गुट को दिखाया गया है जो उन आतंकवादियों को पकड़ने की कोशिश करता है जो न्यूयॉर्क शहर के लिए ख़तरा हैं। इस गेम की मुख्य पात्र एक महिला है जो बाद में इस गुट में शामिल होती है और कंप्यूटर गेम खेलने वाले को इस महिला के रूप में आतंकवादियों से झड़प के मैदान में जाना होता है।

इस कंप्यूटर गेम में एक प्रशिक्षित कुत्ते को भी दिखाया गया है जो अपने कौशल से बम का पता लगा कर उसे विस्फोटित होने से पहले ही निष्क्रिय बना देता है। इस गेम का एक पात्र न्यूयॉर्क की बम निष्क्रिय टीम का निरीक्षक भी है जिसे 11 सितंबर की घटना के बाद अमरीकी सरकार ने वीरता पदक से सम्मानित किया है और वह इस समय इस कंप्यूटर गेम का मुख्य पात्र है। यह खेल एक गुप्त-रोमांचक कंप्यूटर गेम है जिसे व्यक्तिगत रूप से खेलने के लिए बनाया गया है। इसका लक्ष्य अमरीकी जनता के मन में दूसरे देशों व राष्ट्रों के प्रति घृणा की भावना को मज़बूत करना है।

अलबत्ता इस महत्वपूर्ण बिन्दु का उल्लेख भी ज़रूरी है कि अमरीकी युद्ध मंत्रालय पेंटागॉन ने वर्ष 1997 में स्ट्रेटिजिक कंप्यूटर गेम का विषय पेश किया था और उसने व्यापक अध्ययन द्वारा बच्चों, युवाओं यहां तक कि अधिक आयु के लोगों के मन पर इसके पड़ने वाले प्रभाव की समीक्षा की है। किन्तु 11 ग्यारह सितंबर की घटना के बाद न केवल यह कि इराक़ और अफ़ग़ानिस्तान पर हमले की भूमि प्रशस्त हो गयी बल्कि ये गेम भी सैन्य हमले के नए चरण में गंभीर रूप से भूमिका निभाने लगे। जैसा कि स्लेयरनेग जैसे गेम भी उन्ही स्ट्रेटिजिक कंप्यूटर गेम का भाग हैं जिनमें इन देशों में युद्ध से होने वाले परिवर्तनों का अनुमान लगाया गया है और एक गेम के रूप में अमरीका की आगामी योजनाओं से पर्दा उठाया गया है।

नई टिप्पणी जोड़ें