म्यांमार के विरोध के बावजूद मलेशिया भेजेगा रोहंगिया मुसलमानों को सहायता

मलेशिया सहायता एवं राहत संगठन के गठबंधन ने कहा हैः इस संगठन की तरफ़ से म्यांमार के अशांत प्रांत राख़ीन में मौजूद रोहंगियन मुसलमानों को ख़ाने पीने और आवश्यक वस्तुओं को सहायता जहाज़ों द्वारा भेजा जाएगा।

मलेशिया सहायता एवं राहत संगठन के गठबंधन ने कहा हैः इस संगठन की तरफ़ से म्यांमार के अशांत प्रांत राख़ीन में मौजूद रोहंगियन मुसलमानों को ख़ाने पीने और आवश्यक वस्तुओं को सहायता जहाज़ों द्वारा भेजा जाएगा।

रायटर्ज़ के अनुसार सहायता ले जाने वाले जहाज़ों को अभी तक म्यांमार सरकार की तरफ़ से क्षेत्र की जल सीमा में प्रवेश की अनुमति नहीं मिल सकी है, जिसके कारण संभव है कि जहाज़ पर मौजूद लोगों और म्यांमार के रक्षा बलों में झड़प हो जाए जिसके बाद मुस्लिम बहुत देश मलेशिया और म्यांमार के संबंधों में तनाव बढ़ सकता है।

मलेशिया ने राख़ीन में रोहंगियन मुसलमानों पर जारी अत्याचारों पर म्यांमार सरकार की कड़ी निंदा की है।

राख़ीन में मुसलमानों के विरुद्ध जारी संघर्ष और क़त्ले आम में अब तक बड़ी संख्या में मुसलमानों का जनसंहार किया गया है और 30 हज़ार से अधिक मुसलमान बेघर हुए हैं।

मलेशिया में इस्लामी परामर्शक सभा संगठन के महासचिव ने कहाः अभी तक हमको म्यांमार की तरफ़ से स्वीकृति नहीं मिल सकी है लेकिन हम अपना सफ़र जारी रखेंगे क्योंकि हमारा यह मानना है कि यह कार्य मानवता के लिए ज़रूरी और महत्वपूर्ण है।

दूसीर तरफ़ म्यांमार पीएमओ की तरफ़ से दावा किया गया है कि हमको अभी तक म्यांमार में प्रवेश करने के लिए किसी भी सहायता कश्ती की तरफ़ से कोई संदेश नहीं मिला है, और बिना पूर्व स्वीकृति के जहाज़ों को स्वीकार नहीं किया जाएगा।

राष्ट्रपति कार्यालय के प्रवक्ता ज़ाव हताई ने कहाः अगर वह संकट बढ़ाना चाहते हैं तो हम इसको कदापि स्वीकार नहीं करेंगे, बिना हमारी अनुमति के कोई भी विदेशी हमारी सीमा में प्रवेश नहीं कर सकता है, अगर उन्होंने ऐसा किया तो हम जवाब देंगे, हम उन पर हमला नहीं करेगें, लेकिन उनको आने नहीं देंगे।

सहायता जहाज़ों पर एक हज़ार टन चावल, चिकित्सकीय उपकरण, दवाए और दूसरी आवश्यक वस्तुएं लदी है यह जहाज़ मलेशिया से 10 जनवरी को चलेंगे।

 

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